Published 06-10-2022
GENERAL
दीपावली, या रोशनी का त्योहार, पूरे भारत में मनाया जाता है। रोशनी का त्योहार कार्तिक के महीने में पांच दिनों तक चलता है, जो धनतेरस से शुरू होता है और नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), लक्ष्मी पूजन (बड़ी दिवाली), गोवर्धन पूजा और भाई दूज के साथ जारी रहता है, दिवाली को बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा की विजय से जोड़कर देखते हैं।
दीवाली को मनाने के पीछे धार्मिक कारण ।
दीपावली यानि दीपों की अवली या कह सकते है दीपों की पंक्ति। दीपावली को मनाने का अलग-अलग घर्मों में अलग-अलग मान्यताएँ और घार्मिक कारण हैं । लेकिन बहुत सी घार्मिक मान्यताएं और त्योहार वैज्ञानिक कारणों से भी जुड़ी होती हैं ।
मानसून के मौसम के बाद दिवाली आती है। मानसून के दौरान, हवा नम होती है और बैक्टीरिया से भरी होती है। बरसात के मौसम में पानी जगह-जगह जमा हो जाता, नमी के साथ-साथ तापमान में गिरावट के कारण हमारे आसपास खतरनाक कीड़े-मकोड़े पैदा हो जाते हैं और कुछ जहरीले कीड़े-मकोड़े जमीन से बाहर निकल आते हैं। ये कीड़े हमारे वातावरण और घरों में कहीं भी पनप सकते हैं जो भयानक बीमारियों का कारण बनते हैं जैसे डेंगू, मलेरिआ, चिकनगुनिया आदि। इसलिए दिवाली के पहले हम अपना घर साफ़ करते है फिर दीपावली के दिन दिया जलाते है, जिससे वातावरण के जहरीले कीड़े-मकोड़े आग में जल के ख़तम हो जाते है और हम खुद को और अपने आस-पास के फसलों को भी ख़राब होने से बचाते हैं I
दिया जलाने से कोई ऐसा तत्व या केमिकल नहीं निकलता जिससे वातावरण को नुकसान पहुंचे। दीपक से निकलने वाली गर्मी हवा को साफ करने में मदद करती है। तेल में मौजूद मैग्नीशियम हवा में मौजूद सल्फर और कार्बन ऑक्साइड के साथ प्रतिक्रिया करके सल्फेट और कार्बोनेट बनाता है। ये भारी तत्व जमीन पर गिरते हैं, जिससे हवा हल्की हो जाती है। साथ ही जहरीले कीड़े-मकोड़े दियों की रौशनी से आकर्षित हो कर दिए के पास इकठ्ठा होने लगते है और दिये की गर्मी और आग से मारे जाते हैं ।
दिवाली के बाद ठंड बढ़ने लगती है, जिससे सर्दी-जुकाम का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए दिवाली में हम घी से बने व्यंजन खाते हैं, घी हमारे शरीर को गर्म रखने में मदद करता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे हमारा पाचन तंत्र साफ रहता है। गाय का घी 96% पचने योग्य माना जाता है जो कि अन्य सभी वनस्पति या पशु आपूर्ति वसा की तुलना में बहुत अच्छा है। यह कब्ज और पेट की कई अन्य समस्याओं को ठीक करने में भी काफी कारगर माना जाता है।
इतना ही नहीं, त्योहार हमारे जीवन को उत्साह, उमंग और उत्साह से भी भर देते हैं, जैसे स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में हमें आराम करने के लिए छुट्टियां मिलती हैं, ठीक वैसे ही त्योहार हमारे जीवन का वह पल होता है जो हमें खुश करता है और खुशियां बांटता है। आप HealthyBazar पर भारतीयों की विभिन्न संस्कृतियों और जीवनशैली के बारे में अधिक जान सकते हैं। इसके अलावा, हम विभिन्न चिंताओं और स्वास्थ्य मुद्दों पर ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श और लेख भी प्रदान करते हैं।
“ तो इस दिवाली अपने घर के साथ अपने मन को भी साफ़ करना, दिया जला कर सिर्फ घर नहीं अपने अंदर के अन्धकार को भी खतम करना और मिठाइयों की मिठास थोड़ा अपने जीवन में भी भरना, आप सभी को दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। Happy Diwali ! ”