यूनानी चिकित्सा में, दाद खाज को "क़ुबा" कहा जाता है, जो एक सामान्य समस्या है और हर किसी को जीवन में कभी न कभी प्रभावित कर सकती है। दाद खाज के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक मुख्य कारण शरीर में गंदे खून का होना है। गंदा खून हमारे शरीर में टॉक्सिन्स (Toxins) के जमा हो जाने के कारण होता है, जो शरीर से बाहर नहीं निकल पाता और त्वचा पर विभिन्न समस्याओं का कारण बनता है। इसका परिणाम दाद और खुजली जैसी समस्याओं में होता है।
दाद/खाज एक प्रकार का स्किन इंफेक्शन है जो फंगस के कारण होता है। इसे अंग्रेजी में रिंगवॉर्म (Ringworm) कहा जाता है क्योंकि यह गोल आकार का होता है। इसे डर्मेटोफाइटोसिस और टिनिया (Tinea) के नाम से भी जाना जाता है। सामान्यतः, दाद का कारण डर्मेटोफाइट्स नामक फंगस होता है। भयंकर दाद खाज की दवा और इसके कारणों को जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।
1. सेब का सिरका: रूई को सेब के सिरके में भिगोकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह प्रक्रिया दिन में 3-4 बार एक सप्ताह तक करें। सेब के सिरके में मौजूद एंटी-फंगल गुण भयंकर दाद खाज को दूर करने में सहायक होते हैं।
2. टी-ट्री ऑयल: टी-ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को नारियल तेल में मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इस प्रक्रिया को दिन में 3-4 बार दोहराएं। टी-ट्री ऑयल में मौजूद एंटी-फंगल गुण फंगस को पनपने से रोकते हैं और दाद को कम करने में सहायक होते हैं।
3. वर्जिन कोकोनट ऑयल: वर्जिन कोकोनट ऑयल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और इसे कुछ देर के लिए छोड़ दें। यह प्रक्रिया दिन में 3-4 बार दोहराई जा सकती है। नारियल तेल में एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो दाद को ठीक करने में सहायक होते हैं।
4. लहसुन: लहसुन की कलियों को पीसकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं और 15 मिनट के बाद धो लें। लहसुन में मौजूद एजीन (Ajoene) फंगस को खत्म करने में प्रभावी होता है।
5. नीलगिरी तेल: नीलगिरी तेल को पानी में मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। नीलगिरी तेल में शक्तिशाली एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो दाद से राहत दिलाने में सहायक होते हैं।
6. नीम: नीम की पत्तियों या नीम के तेल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। नीम में फंगीसाइडल गुण होते हैं जो फंगस को खत्म करने में मदद करते हैं।
1. रोगन बाबची (हमदर्द): रोगन बाबची तेल को दिन में 2 बार प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह त्वचा से दाग-धब्बे हटाने में मदद करता है।
2. माजून उष्बा (हमदर्द): माजून उष्बा को सुबह और शाम 1 चम्मच लें। यह खून में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
दवा के साथ-साथ, यूनानी चिकित्सक के दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। इसलिए खुद से दवा लेने से बचें और इलाज के लिए नजदीकी अधिकृत यूनानी केंद्र या healthybazar.com पर यूनानी चिकित्सक से सलाह लें।
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