Published 18-01-2024
PREMATURE EJACULATION, MALE SEXUAL HEALTH
युवाओ में शीघ्रपतन और स्तंभन दोष को समझाने का तरीका संवेदनाशील, प्यार और समझदारी से भरा होना चाहिए। ये सभी युवाओ के लिए चिंता का कारण हो सकता हैं, और इस पर खुलकर बात करना उन्हें सहायता प्रदान कर सकता है। उन्हें ये महसूस कराएं कि ये समस्याएं सामान्य हैं और इस पर खुल कर बात चीत करना उनके स्वास्थ्य के लिए महत्व पूर्ण है। युवाओं को ये समझाए की इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना एक व्यक्ति के जीवन में आम बात है, और इसका समाधान संभव है। आप युवाओ को समझाएं की तनाव, चिंता और जीवनशैली के परिवर्तन से ये समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। उन्हें सिखाये कि इस पर चर्चा करना एक शुरुआत है और इसे उनका मनोबल भी बढ़ेगा।
1.तनाव और चिंता: आजकल के युवाओं में अधिक तनाव, चिंता और मानसिक दबाव का कारण तनाव और चिंता हो सकता है।
2.स्वास्थ्य जीवन शैली: बुरी आहार आदतें, व्यायाम की कमी, धूम्रपान, और अधिक शराब पीना भी समस्य का कारण हो सकता है।
3.हस्तमैथुन: अतिधिक हस्तमैथुन करने से भी ज्यादा समय लगता है।
4.मानसिक समस्याएं: अवसाद, चिंता, और अन्य मानसिक समस्याएं भी अवसादग्रस्त हो सकती हैं।
5.हार्मोनल विकार: हार्मोनल असंतुलन, जैसे टेस्टोस्टेरोन की कमी, भी शिघ्रपतन का कारण हो सकती है।
6.तंत्रिका तंत्र विकार: तंत्रिका तंत्र विकार, जैसे कि न्यूरोपैथी, भी शिघ्रपतन को बढ़ा सकते हैं।
7.आनुवंशिक कारक: कुछ मामलों में, यदि किसी के परिवार में शीघ्रपतन की समस्या होती है, तो ये आनुवंशिक भी हो सकता है।
8.यौन अनुभवहीनता: युवाओं में यौन अनुभव की कमी भी हो सकती है।
9.प्रोस्टेट समस्याएँ: प्रोस्टेट के समस्याएँ भी शीघ्रपतन को प्रभावित कर सकती हैं।
10.मधुमेह: मधुमेह होने पर भी खतरा बढ़ जाता है।
1.समय से पहले वीर्य का निकलना: समय से पहले या बहुत जल्दी वीर्य का निकलना शिघ्रपतन का प्रमुख लक्षण है।
2.तनाव और चिंता: शीघ्रपतन के समय अधिक तनाव, चिंता, और मानसिक तनाव महसूस होता है।
3.कब्ज : कब्ज होने पर भी कब्ज हो सकती है।
4.शरीर में थकन: शरीर में अत्यंत थकन होने पर भी शीघ्रपतन होता है।
5.शीघ्रपतन के दौरन दर्द: कुछ युवाओं को शीघ्रपतन के दौरन या तुरंत बाद पेट में दर्द होता है।
6.ध्यान भटकाना: युवाओं में ध्यान भटकाना, या शिक्षा की कमी के प्रभाव से भी व्यक्ति शीघ्रपतन का शिकार हो सकता है।
7.व्यायाम में कमी: व्यायाम में कमी भी लक्षण में गिना जा सकता है।
8.कामज़ोरी : शीघ्रपतन के दौरन व्यक्ति को शारीरिक कामज़ोरी का अनुभव होता है।
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शीघ्रपतन को दूर करने के लिए युवाओं को दिनचर्या में कुछ सुधार करना जरूरी है। यहां कुछ आयुर्वेदिक सुझाव हैं जो दिनचर्या में शामिल किए जा सकते हैं:
1.उठना और सोने का समय: सूर्योदय के समय उठना शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। युवाओं को प्रतिदिन समय पर उठने की आदत डालनी चाहिए। रात को समय पर सोना भी जरूरी है। 10 बजे तक सोना, और सुबह जल्दी उठना, शरीर के ऋतुचर्या के अनुकूल है।
2.स्नायु अभ्यंग (तेल मालिश): नारियाल या सरसों के तेल से शरीर की मालिश करना, विशेष रूप से पीठ और पिंडलियों पर, शरीर को ठंडा और तनाव मुक्त रखा है।
3.व्यायाम और योगासन: नियमित व्यायाम, जैसे कि जॉगिंग, तैराकी, या अन्य एरोबिक व्यायाम, शरीर को सुडोल बनाये रखा है और तनाव को कम करता है। कुछ योगासन, जैसे कि अश्विनी मुद्रा, वज्रासन, और धनुरासन, शिघ्रपाटन के उपचार में मददगार हो सकते हैं।
4.प्राणायाम: अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने से शरीर में प्राण शक्ति बढ़ती है और तनाव कम होता है। कपालभाति प्राणायाम भी तनाव को दूर करने में सहायक हो सकता है।
5.आहार के दिशानिर्देश: आहार में पोषक तत्व शामिल करना चाहिए। हरी सब्जी, फल, दूध, घी, और दाल का सेवन करना चाहिए।
6.तरल पदार्थ का सेवन: तरल पदार्थ का अधिक सेवन करना, जैसे पानी, शरीर को ठंडा रखा है और वीर्य की मात्रा को भी नियंत्रित किया जाता है।
7.निंद का समय: सामान्य व्यक्ति को 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। नियंत्रित नींद लेना शरीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखता है।
8.तनाव प्रबंधन: तनाव और चिंता से बचने के लिए तनाव प्रबंधन तकनीक, जैसे ध्यान और ध्यान, अपनाना चाहिए।
9.वाजीकरण चिकित्सा: वाजीकरण चिकित्सा के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाइयाँ भी ली जा सकती हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह से करना चाहिए।
1.अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा): अश्वगंधा एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है जो शरीर को तनाव से मुक्त करता है। ये हार्मोन संतुलन को सुधारने में मदद करता है और शिघ्रापटन के उपचार में भी सहायक हो सकता है।
2.शिलाजीत: शिलाजीत, एक प्राकृतिक पदार्थ है जो पहाड़ों के चट्टानों से प्राप्त होता है, वीर्य की मात्रा को नियत्रित करने में और स्तंभन दोष को दूर करने में मदद करता है।
3.सफेद मूसली (क्लोरोफाइटम बोरिविलियनम): सफेद मूसली, वीर्य वृद्धि और शक्ति वर्धन के लिए प्रसिद्ध है। इसका सेवन शिघ्रापटन को डर करने में किया जा सकता है।
4.गोक्षुरा (ट्राइबुलस टेरेस्ट्रिस): गोक्षुर वीर्य के प्रवाह को सुधारने में मदद करता है और स्तंभन दोष को दूर करने में भी सहायक हो सकता है।
5.कपिकच्छु (मुकुना प्रुरिएन्स): कपिकच्छु में लेवोडोपा होता है, जो डोपामाइन के उत्पादन में मदद करता है। ये शीघ्रपतन के उपचार में फ़ायदेमंद हो सकता है।
6.विदारीकंद- (पुएरारिया ट्यूबेरोसा): विदारीकंद, वीर्य की मात्रा को नियत्रित करने में और शीघ्रपतन के उपचार में मदद करता है।
7.बला (सिडा कॉर्डिफ़ोलिया): बला, जिसे शतावरी भी कहा जाता है, शरीर को शक्ति प्रदान करता है और तनव को काम करता है।
8.जातिफला (मिरिस्टिका फ्रेग्रेन्स): जातिफला, या जायफल, भी शीघ्रपतन के उपचार में उपयोगी है। इसके तेल का इस्तेमाल भी शीघ्रपतन को ठीक करने में भी होता है।
9.जयफल (जायफल): जयफल, या जायफल, भी शिघ्रापटन के उपचार में किया जाता है। ये तांत्रिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
10.तुलसी (पवित्र तुलसी): तुलसी के पत्तों का रस लेने से शरीर का तापमान घट जाता है और तनाव कम हो जाता है। ये शीघ्रपतन के उपचार में भी फ़ायदेमंद है।
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युवाओं में यौन समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेद एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जो दोष संतुलन और व्यक्ति के स्वभाव के आधार पर आधारित है। आयुर्वेद का मूल सिद्धांत है कि शरीर और मन एक दूसरे से जुड़े होते हैं, और किसी भी व्यक्ति की यौन समस्याओं का समाधान उसकी दोशिक स्थिति, प्रकृति और व्यवहार पर आधारित होता है। आयुर्वेदिक तौर पर, युवाओं में होने वाले यौन समस्याएं जैसे स्तंभन दोष, शीघ्रपतन, या कम कामेच्छा का समाधान दोष स्थिति का निदान किया जाता है। ये समस्याएँ अधिकतर दोषो में असमानता , धातु क्षय, ये कुपोषण के करण उत्पन्न होती हैं।
आयुर्वेदिक में दोषो की असमान्ता को दूर करके, व्यक्ति को स्वस्थ और संतुलित स्थिति में लाने का प्रयास करते हैं। आयुर्वेद का इस तरह का दृष्टिकोण युवाओं में होने वाली यौन समस्याएं दूर करने में मदद करती हैं। ये एक सुरक्षित, प्राकृतिक, और समर्थक उपाय हो सकता है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखे और व्यक्ति को पूर्ण रूप से स्वस्थ जीवन जीने में सहायक हो। आप HealthyBazaar की वेबसाइट पर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स से संपर्क कर सकते है यह एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म है जहां आप विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ आयुर्वेदिक डॉक्टर्स से मिल सकते हैं।