Published 15-07-2022
SEXUAL WELLNESS, MALE SEXUAL HEALTH
यौन संचारित रोग (STD-Sexually Transmitted Disease) संक्रामक रोग हैं जो यौन संपर्क से फैलते हैं। एसटीडी आज दुनिया में सबसे आम संक्रामक रोगों में से एक हैं। कई सरे लोगो को लगता है यौन संचारित रोग का इलाज नहीं है, और कई सरे लोग शर्म या संकोच के वजह से डॉक्टर के पास नही जाते, परन्तु ऐसा नहीं है, आज इनका इलाज संभव है, यूनानी चिकित्सा ने कई सालो के रिसर्च के बाद सस्ता और आसान इलाज ढूंढा है, जिससे ज़्यादा साइड इफेक्ट्स नहीं होता है l तो आज हम यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) के बारे में जानेंगे।
कुछ सबसे आम एसटीडी में क्लैमाइडिया संक्रमण, जननांग दाद (Genital herpes) सूजाक (Gonorrhoea), उपदंश (Syphilis) और एचआईवी (HIV) शामिल हैं।
यौन संचारित रोग में निम्नलिखित लक्षण शामिल हो सकते हैं:
1- खुजली
2- लिंग या योनि से डिस्चार्ज
3- मवाद युक्त फफोले
4- अल्सर, फफोले, चकत्ते और मस्सों सहित जननांग घाव
5- पेट में दर्द
6- मलाशय (Rectum) का संक्रमण और मलाशय की सूजन
7- बुखार
8- मांसपेशियों में दर्द
9- पेशाब करने में दर्द या जलन
10- सेक्स करने में दर्द
11- मासिक धर्म चक्रों (Menstruation) के बीच रक्तस्राव
12- बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होना
13- जनांग के पास की ग्रंथिया (Glands) सूज जाना
सिफलिस एक बैक्टीरियल यौन संचारित रोग है, जो Treponema pallidum से फैलता है, यह आमतौर पर यौन संपर्क से फैलता है। यह रोग एक घाव के रूप में शुरू होता है जिसमे दर्द नहीं होता है, ये घाव आमतौर पर जननांगों, मलाशय या मुंह पर पाया जाता है। सिफलिस इन घावों को एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुँचता है|
अगर इलाज न कराया जाये तो सिफलिस हृदय, मस्तिष्क या अन्य अंगों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है। सिफलिस माँ से अजन्मे बच्चों में भी फैल सकता है।
इलाज
1- मजून ओशबा (Hamdard) 1 चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ ले। ये खून को साफ़ करता है और त्वचा के रोगो के बहुत फायदेमंद है।
2-इत्रिफल शाहतारा (Hamdard) 1 चम्मच दिन में दो बार पानी से लें। ये शरीर से टॉक्सिन्स (Toxins) को निकलता है।
गोनोरिया एक यौन संचारित बैक्टीरिया की वजह से होने वाला संक्रमण है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को संक्रमित करता है। सूजाक अक्सर मूत्रमार्ग, मलाशय या गले को प्रभावित करता है। गोनोरिया सबसे अधिक योनि, ओरल सेक्स या अनल सेक्स के दौरान फैलता है। गर्भवती महिलाओं में, अगर गोनोरिया है तो बच्चे के पैदा होने के बाद भी गोनोरिया हो सकता है। शिशुओं में, सूजाक/ गोनोरिया सबसे अधिक आंखों को प्रभावित करता है।
इलाज
1- मजून सुपारी पाक, 2 चम्मच रात को सोते समय लें। ये औरतो में रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को मज़बूती देता है और बीमारियों से लड़ने की ताक़त देता है।
2- सिरप मास्टूरिन, 1 चम्मच दिन में दो बार लें। ये एन्टीबैक्टिरल और एंटी फंगल की तरह काम करता है l
(एड्स) ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होने वाली एक जान लेवा बीमारी है । ये हमारी इम्युनिटी को नुकसान पहुंचाकर, हमारे शरीर की संक्रमण और बीमारी से लड़ने की ताक़त को कम करता है।एचआईवी एक यौन संचारित रोग है। यह संक्रमित खून के संपर्क में आने और संक्रमित इंजेक्शन के लगवाने से या दवा के उपयोग से या सुइयों को साझा करने से भी फैल सकता है। यह गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकता है। दवा के बिना, एचआईवी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर करने में कई साल लग जाते हैं, जिसका पता बहुत बाद में चलता है , एड्स का अभी कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन दवाएं संक्रमण को नियंत्रित कर सकती हैं और बीमारी को बढ़ने से रोक सकती हैं साथ ही साथ हमारे इम्यून सिस्टम को मज़बूती देती हैं
नोट
एड्स एक साथ बैठ कर खाने से हाथ मिलाने या गले मिलने से नहीं होता है, ये कोई छुआ-छूत की बीमारी नहीं है, ये एड्स से संक्रमित इंसान के खून से आप के खून में मिल जाने से या सीमेन, सलीवा से फैलने के कारण हो सकता है l
इलाज
1- कुर्स सोजाक- इसमें इलायची, खुर्द, बुरादा संदल सफेद , बंसलोचन , सत् बेहरोज़ा , कबाबचीनी , होता है, इसकी 3 गोलियां सुबह-शाम दूध के साथ ले और बिना चीनी के सेवन करें l
2- यष्टिमधु- इसमें इम्युनिटी बढ़ाने और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैl
हरपीज (नामला), हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (एचएसवी) या हर्पीज वायरस होमिनीज की वजह से होता है, दुनिया भर में इंसानो में ये सबसे आम संक्रमणों में से एक है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा पर तेजी से फैलने वाले छोटे-छोटे दाने (बसूर) और सूजन वाले पैच दिखाई देते हैं। इस में संक्रमण की जगह पर दर्दनाक छाले हो जाते हैं। इस की वजह यूनानी चिकित्सा के अनुसार सफरा और दम के मिज़ाज का बिगड़ जाना है , हर्पीज़ की एक खास पहचान है की इसके दाने में चींटी के काटने सी जलन और खुजली होती है कई बार ये दाने या तो ठीक हो जाते हैं या फूट कर अल्सर में बदल जाते है।
इलाज
1- शरबत-ए-उन्नाब- 2 चम्मच दिन में दो बार लें - ये एन्टीबैक्टिरल और एंटी फंगल की तरह कम करता है l
2- इत्रिफल शाहतारा(Hamdard) 1 चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ ले, ये शरीर से टॉक्सिन्स (Toxins) को निकलता है l
1- एसटीडी का सब से ज़ादा खतरा यौन सम्बन्धो से होता है जैसे, योनि (Vagina) और मलाशय (Rectum), इससे बचने के कुछ ज़रूरी उपाए बताये गए है जिनका पालन कर के यौन संचारित रोग से बचा जा सकता है l
2- शारीरिक सम्बन्ध बनाते वक़्त ध्यान रहे की असंक्रमित साथी हो l
3- संभोग के हमेशा कंडोम का उपयोग करना |
4- इंजेक्शन लगाने पर साफ सुइयों का उपयोग करना |
5- एक समय में एक ही सेक्सुअल पार्टनर बनाये, कई लोगो के साथ सम्बन्ध बनाने से बचें।
6- एसटीडी के लिए नियमित जांच करवाएं, भले ही आपके कोई लक्षण न हों, यौन संचारित रोग के सामान्य लक्षणों को जाने और कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लीजिये |
7- यदि आप 9 से 26 वर्ष की आयु की लड़की या लड़के हैं, तो एचपीवी का टीका लगवाएं |
नोट
दवा के साथ-साथ, रोगियों को यूनानी चिकित्सा के दिशानिर्देशों के अनुसार सख्त खान पान का पालन करना ज़रूरी है। इसलिए खुद से दवा लें के खाने से बचने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है।
मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे इलाज और सलाह के लिए नजदीकी अधिकृत यूनानी केंद्र पर जाएं या हेल्थबाजार पर यूनानी चिकित्सक से सलाह लें l
यूनानी चिकित्सा के ज़रिये आज हमने कुछ यौन संक्रमित रोगो के बारे में जाना, उनके लक्षण, इलाज आदि, के बारे में भी , आज साइंस ने इतनी तरक़्क़ी कर ली है की उसके पास लगभग आज हर मर्ज़ है का इलाज है , इस ब्लॉग के ज़रिये हमने आसानी से और बिना साइड इफ़ेक्ट के यौन संचारित रोगो का इलाज बताया है l अपनी बीमारी का Permanent या जड़ से इलाज के लिए हमारे Healthybazar के डॉक्टर्स से ऑनलाइन कंसल्टेशन लें l