क्योंकि एक शिशु बड़ा होकर एक स्वस्थ किशोर और वयस्क बनता है, माता-पिता को अपने बच्चे को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि बच्चों की इम्युनिटी इतनी मजबूत नहीं होती है। इसलिए वे जल्दी ही बीमारियों से ग्रसित हो जाते है l
पहले जब घर में दादी दादा साथ होते थे तो बच्चो की आधी बीमारियों का इलाज उनके पास होता था , आजकल नुक्लेअर फैमिली (Nuclear Family) होने की वजह से बहुत सारी माओं को पुराने और देसी नुस्खे नहीं पता होता है, जिससे कई बार उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है I
आज हम ऐसे ही बच्चो के लिए कुछ यूनानी के देसी नुस्खे (Remedies) की बातें करेंगे जो सेफ भी है और बच्चों के लिए कारगर भी, हम बात करेंगे की, न्यू बोर्न बेबी की केयर कैसे करे और कुछ
1- खाली पेट नहलाने से बच्चे की पाचन शक्ति सही रहती है इसलिए बेहतर है की लंबे समय तक सोने के बाद और खाली पेट नहलाना सबसे अच्छा है।
2- माँ को प्याज, लहसुन, राई , हिंग , अजवोइन और गर्म मसालों से बचना चाहिए। क्योंकि इन मसलो का ज़ायका (Taste) और महक माँ के दूध के ज़रिये बच्चों तक पहुँचता है , जिससे दूध का स्वाद ख़राब हो जाता है, जिससे बच्चा रोता है और परेशान भी करता है जिसकी वजह कई बार हम नहीं समझ पाते हैं।
3- दस्त (Diarrhoea) में अजवाइन या जीरा का पेस्ट सिरके में मिला के बच्चे के पेट पे दिन में 2-3 बार लेप लगाए। इससे दस्त दूर हो जाएगी जाएंगे I
4- कई बार ज़्यादा दूध पीने की वजह से बच्चों को उल्टियाँ होने लगती है इसके लिए पेट पर लौंग के चार दाने पीस कर लेप लगाने से उल्टियाँ रुक जाती है I
5- सूरज की रौशनी बच्चे के लिए अच्छी होती है क्यों की इससे Vitamin D मिलता है उसी प्रकार चाँद की रौशनी भी बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होती है , थोड़ी देर चांदनी में बच्चो को रखने से उनकी नसे और नर्वस सिस्टम मज़बूत होता है और मां के स्त्री रोग चक्र को संतुलित करने के लिए भी फायदेमंद होती है।
6- बच्चे के लिए सबसे अच्छा वातावरण (Environment) सुनिश्चित करे। यूनानी चिकित्सा में पत्तियों और जड़ों के साथ बच्चे के कमरे को धूप-दीप (Fumigate) करने से नकारात्मक ऊर्जा (Negative energy ) कम होती है और बच्चे के लिए सकारात्मकता (Positive energy) वातावरण का संचार होती है।
जटामांसी, ब्राह्मी, हींग और गुगुलु जड़ी-बूटियों का उपयोग बच्चे के कमरे और बच्चे के कपड़ों में धूप दीप को करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। यह हवा कपड़ों के कीटाणुओं को भी बेअसर करता है।
7- कभी-कभी बच्चा, बेचैन हो जाता है, उलझता है , और लगातार रोता रहता है। ऐसे में रोगन कदु (Hamdard) लगाना चाहिए जिससे नींद अच्छी आती है , इसको माथे में हलके हाथ से मसाज दे I
8- दांत निकलने पर हल्का खाना दें। दांतों के निकलने दौरान जैतून के तेल से गर्दन की मालिश करना फायदेमंद होता है, और जब बच्चा बोलना शुरू करे तो जीभ की जड़ की नियमित रूप से मालिश करनी चाहिए, इससे बच्चे साफ और जल्दी बोलना शुरू करते है I
नवजात शिशु या बच्चे के जीवन में सबसे अहम् है, सही पोषण और सही देख भाल ताकि बच्चा सवस्थ और बच्चे की इम्युनिटी मजबूत हो, बच्चों के लिए कुछ यूनानी के देसी नुस्खे (Remedies) जो सेफ भी है और बच्चों के लिए कारगर भी, न्यू बोर्न बेबी केयर के कुछ टिप्स I
1. खाली पेट नहलाने से बच्चे की पाचन शक्ति सही रहती है I
2. माँ को प्याज, लहसुन, राई , हिंग , अजवोइन और गर्म मसालों से बचना चाहिए I
3. पेट पर लौंग के चार दाने पीस कर लेप लगाने से उल्टियाँ रुक जाती है I
4. दस्त (Diarrhoea) में अजवाइन या जीरा का पेस्ट सिरके में मिला के बच्चे के पेट पे दिन में 2-3 बार लेप लगाए।
5. थोड़ी देर चांदनी में बच्चों को रखने से उनकी नसे और नर्वस सिस्टम मज़बूत होता है और मां के स्त्री रोग चक्र को संतुलित करने के लिए भी फायदेमंद होती है।
6. जटामांसी, ब्राह्मी, हींग और गुगुलु जड़ी-बूटियों का उपयोग बच्चे के कमरे और बच्चे के कपड़ों में धूप दीप को करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। यह हवा कपड़ों के कीटाणुओं को भी बेअसर करता है।
7. बच्चे के माथे में हलके हाथ से रोगन कदु (Hamdard) लगा कर मसाज दे, इससे बच्चे को नींद अच्छी आती है।
8. दांत निकलने पर हल्का खाना दें। दांतों के निकलने दौरान जैतून के तेल से गर्दन की मालिश करना फायदेमंद होता है ।
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A graduate from Hamdard University, Dr Asfiya is dedicated to providing natural treatments and comfort to every patient through her extensive knowledge and experience. In addition to medical practice, she has a passion for playing volleyball and chess.