Published On: Oct 19, 2023
Last Updated: Jan 15, 2025
पुरुषो में लिंग में तनव का ना बनना, या फिर लिंग का सही रूप से उत्तेजित ना हो पाना, एक आम समस्या हो सकती है, जिसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) या स्तंभक दोष के रूप में जाना जाता है। क्या संसार में पुरुष लिंग में तनव बनने में समर्थ नहीं होते हैं, या फिर बने हुए तनाव को समय तक बनाया नहीं रख पाते हैं। शरीरिक कारणों में मधुमेह, रक्त चाप की समस्या, हृदय रोग, या प्रोस्टेट की समस्या शामिल हो सकती है। मानसिक कारणों में तनाव, चिंता, अवसाद, या तनाव से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। आधुनिक जीवन शैली के चलते तनाव, अलसियात, व्यास, और खुराक-पानी की गलत आदतें भी इस समस्या को बढ़ा सकती हैं। दवाइयाँ के प्रभाव, जैसे की स्ट्रेस और एंग्जायटी की दवाइयाँ, उच्च रक्तचाप की दवाइयाँ, या अन्य एलोपैथिक दवाओं से भी लिंग में तनाव की कमी होने का कारण हो सकती हैं।
लिंग में तनाव (स्तंभन) के आयुर्वेदिक कारण
- वात दोष प्रकोप: आयुर्वेद में लिंग में तनाव का ना आना, वात दोष के प्रकोप या ख़राबी के कारण हो सकता है। वात दोष शरीर की रक्तियों को संचित करती है, और यदि ये दोष प्रकोपित या अधिक हो जाए तो लिंग में तनाव की कमी हो सकती है।
- रसवाह स्त्रोत दोष: रसवाह स्त्रोत दोष (आयुर्वेदिक दोष) भी लिंग के तनाव पर प्रभाव डाल सकता है। रसवाह स्रोत दोष की समास्या, जैसे कि अत्यंत मीठा या तिखा भोजन, शरीर में दोष वृद्धि, या अन्य करण से लिंग में तनाव का ना आना हो सकता है।
- शुक्र धातु कामी: आयुर्वेद में लिंग के तनव में समस्य का एक कारण शुक्र धातु की कामी (वीर्य की कमी ) भी हो सकती है। शुक्र धातु की कमी पुरुषो के संबंध में साम्बंधिक समस्याओं का कारण बन सकती है।
- अग्नि विकृति: आयुर्वेद में अग्नि (पाचन अग्नि) की विकृति भी लिंग में तनाव का कारण हो सकती है। अग्नि की समस्या से मृत्यु में विकृति होती है, जिसकी आप शक्ति पर प्रभाव डाल सकते हैं।
लक्षण
- लिंग में तनव की कमी होना या ना आना : लिंग में तनव का ना आना, या फिर तनव में समस्या होना, आयुर्वेदिक रूप से "क्लैब्या" या (Impotency) के रूप में जाना जाता है।
- शरीरिक कामजोरी: लिंग में तनाव की समस्या के साथ-साथ, शरीरिक कामजोरी भी महत्वपूर्ण लक्षण हो सकता है।
- दुर्बलता: लिंग में तनाव की दुर्बलता और उत्तेजना में दिक्कत या परेशानी हो सकती है।
- मानसिक दबाव: मानसिक तनाव, चिंता, या तनाव भी लिंग में तनाव की समस्या का लक्षण हो सकता है।
लिंग में तनाव के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय
लिंग में तनाव (इरेक्शन) बनाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपाय हैं, लेकिन ध्यान रहे कि ये उपाय लिंग की स्वास्थ्य वृद्धि के लिए हैं और चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। नीचे कुछ उपाय दिए गए हैं:
- अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा): अश्वगंधा एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो आपकी शक्ति को सुधारने में मददगार हो सकती है। इसका रस या चूर्ण दिन में दो बार गुनगुना पानी के साथ लें।
- सफेद मूसली (क्लोरोफाइटम बोरिविलियनम): सफेद मूसली लिंग का उपयोग और आप शक्ति को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। इसका चूर्ण या रस आप दिन में दो बार ले सकते हैं।
- शतावरी (एस्पेरेगस रेसमोसस): शतावरी लिंग में तनाव को बढ़ाने और आपकी शक्ति को सुधारने में मददगार हो सकती है। शतावरी चूर्ण को गुनगुना पानी के साथ सेवन करें।
- गोखरू (ट्राइबुलस टेरेस्ट्रिस): गोखरू की जड़-बूटी लिंग की उपजाना को बढ़ाने में सहायक हो सकती है। इसका चूर्ण या रस दिन में दो बार पानी के साथ ले सकते हैं।
- आंवला (इंडियन गूसबेरी): आंवला शरीर ताकात को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। आंवले का रस या आंवला चूर्ण दिन में एक बार ले सकते हैं।
- मेथी (मेथी): मेथी के बीज का सेवन लिंग में तनाव को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। बीजो को भीगो कर रात्रि को पानी के साथ खा सकते हैं।
- तुलसी (पवित्र तुलसी): तुलसी के पत्तों का सेवन आप शक्ति को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। तुलसी के पत्तों को चबाकर खा सकते हैं या रस निकाल सकते हैं।
- टेंटेक्स रॉयल: टेंटेक्स रॉयल हिमालय ड्रग कंपनी द्वारा बनाई गई एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है। इसमें अश्वगंधा, शिलाजीत, कपिकच्चू, और कुछ अन्य जड़ी-बूटी के अर्क होते हैं। इस्का इस्तमाल आप यौन समस्यों को ठीक और लिंग में तनाव की समस्यों का इलाज करने के लिए कर सकते हैं।
- हिमकोलिन जेल: हिमकोलिन जेल भी हिमालय ड्रग कंपनी द्वारा बनाई गई है। ये लिंग पर लगाने वाला जेल है, जो आप शक्ति को बढ़ाने और तनाव को सुधारने में मददगार हो सकते हैं।
- अश्वगंधा चूर्ण: अश्वगंधा लिंग में तनाव बढ़ाने और आपकी शक्ति को सुधारने में सहायक हो सकती है। इसका चूर्ण दिन में दो बार गुनगुना पानी के साथ ले सकते हैं।
- शिलाजीत: शिलाजीत एक प्राकृतिक दवा है, जो लिंग में तनाव बढ़ाता है और आप शक्ति को सुधारने में उपयोगी हो सकते हैं। इसका सेवन पानी या दूध के साथ किया जाता है।
ध्यान रहे
किसी भी आयुर्वेदिक दवा का इस्तमाल करने से पहले चिकित्सक या वैद्य की सलाह लेना महत्वपूर्ण है, क्यों की हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है। आयुर्वेदिक दवाओं का नियम से लेना और उपाय करना कि सलाह दी गयी मात्रा और तरीकों का पालन करना महत्तवपूर्ण है।आयुर्वेदिक दवाओं के स्वस्थ तरीके पर समय लग सकता है, इसलिए धैर्य और स्थिरता से उनका इस्तमाल करना चाहिए।आज ही healthybazar के विशेषज्ञ और प्रीवेंटिव हेल्थ केयर एक्सपर्ट से संपर्क करें। हमारे एक्सपर्ट्स आपको सही सलाह देंगे और आपके सवालों और दिक्कत का समाधान करने में मदद करेंगे। आपकी स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इसलिए अभी संपर्क करें और अपनी समस्या को जड़ से खत्म करें।