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Published 21-02-2024

महिला बांझपन का सामना कैसे करें: प्राकृतिक तरीकों से विकास का एक नजरिया

FEMALE INFERTILITY

महिला बांझपन का सामना कैसे करें: प्राकृतिक तरीकों से विकास का एक नजरिया

Dr. Shivani Nautiyal

Dr. Shivani Nautiyal is a renowned Ayurvedic physician, Panchakarma therapies specialist, and detox expert who has made significant contributions to the field of natural holistic healing and wellness. With her profound knowledge, expertise, and compassionate approach, she has transformed the lives of countless individuals seeking holistic health solutions. She is a Panchakarma expert, which are ancient detoxification and rejuvenation techniques. She believes in the power of Ayurveda to restore balance and harmony to the body, mind, and spirit.

महिला बांझपन, या बांझपन की समस्या, एक महिला के गर्भाशय में गर्भाशय के अंडाशयों के विकास या बढ़ने में किसी भी प्रकार की कोई रोकथाम होने की स्थिति है। इस समस्या में महिला गर्भ धारण नहीं कर पाती है या गर्भाधान के प्रयास के बावजूद गर्भपात हो जाता है। यह समस्या जोड़ी के दोनों प्रतिश्रुवों में हो सकती है, और इसे बांझता (infertility) के रूप में भी जाना जाता है। महिला बांझपन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि हार्मोनल असंतुलन, गर्भाशय में अणुसृजन, अंडाशय की समस्याएँ, अंडाशय के विकास की समस्याएँ, गर्भाशय के अनुकरण, अनुकरण सम्बंधी विकार, या अजीर्णता जैसी किसी अन्य बीमारी के कारण। इसके अलावा, कुछ विशेष बैक्टीरिया या जीवाणु , विषाणु-संक्रमण भी बांझपन का कारण हो सकते हैं।

महिला बांझपन का  कारण 

  • हार्मोनल असंतुलन: हार्मोनल असंतुलन महिलाओं में गर्भावस्था के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसमें प्रमुख हार्मोन्स जैसे कि एस्ट्रोजन और प्रोगेस्टेरोन की असंतुलन या अधिक/कम मात्रा में उत्पन्नति शामिल होती है।
  • अंडाशय में समस्याएं: अंडाशय में किसी भी प्रकार की समस्याएं, जैसे कि किसी अंडा उत्पन्न करने की असमर्थता या अंडाशय के कोई संक्रमण, महिला बांझपन का कारण बन सकती हैं।
  • गर्भाशय में विकार: गर्भाशय में किसी अवस्था या विकार के कारण भी महिला बांझपन का सामना कर सकता है, जैसे कि गर्भाशय के रसोली, गर्भाशय के फिब्रॉयड्स, या गर्भाशय के अन्य विकार।
  • अनुकरण सम्बंधी विकार: किसी अनुकरण सम्बंधी विकार या अस्वस्थ आहार लेने की अभिशाप्त भावना भी महिला बांझपन का कारण बन सकती है।
  • अजीर्णता: कुछ बार महिलाओं के शरीर में अजीर्णता के कारण भी बांझपन की समस्या हो सकती है।

ये भी पढ़े : ये लक्षण हो सकते हैं बांझपन का कारण

महिला बांझपन का लक्षण

  • अनियमित मासिक धर्म: महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म की समस्या हो सकती है, जैसे कि बहुत अधिक या बहुत कम मासिक धर्म, या नियमित अवधि के अवधि में अंतर।
  • गर्भावस्था के प्रयासों में असफलता: महिलाओं को गर्भावस्था के प्रयासों में असफलता का अनुभव हो सकता है, जो बांझपन का एक मुख्य लक्षण हो सकता है।
  • गर्भावस्था ना  होने का स्ट्रेस : बांझपन की समस्या होने पर, महिलाओं को वांछित गर्भावस्था के अवसाद का अनुभव हो सकता है।
  • हार्मोनल संतुलन में असंतुलन: असंतुलित हार्मोन स्तर के कारण, महिलाओं को हार्मोनल संतुलन में असंतुलन की समस्या हो सकती है, जो बांझपन का एक लक्षण हो सकता है।
  • अंधविश्वास: महिलाओं को अंधा विश्वास हो सकता है कि वे कभी मातृत्व की अनुभव करने में सक्षम नहीं होंगी।
  • अत्यधिक तनाव: बांझपन की समस्या का सामना करने वाली महिलाओं को अत्यधिक तनाव और चिंता का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके दिनचर्या और रोजमर्रा की गतिविधियों पर प्रभाव डाल सकता है।

महिला बांझपन के लिए नेचुरल और आयुर्वेदिक तरीके

  • प्राकृतिक आहार: स्वस्थ और प्राकृतिक आहार लेना महिलाओं के गर्भावस्था की स्वस्थता के लिए महत्वपूर्ण है। ये आहार शाकाहारी भोजन, प्रोटीन युक्त आहार, हरे पत्तेदार सब्जियाँ, फल, अनाज, दालें, दही, नट्स, और बीजों से भरपूर होना चाहिए।
  • योग और प्राणायाम: नियमित योग और प्राणायाम कार्यक्रम महिलाओं को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। योगासनों में बद्धकोणासन, शलभासन, उत्तानपादासन, और विपरीतकरणी मुद्रा शामिल हैं जो गर्भाधान को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
  • आरोमाथेरेपी: आरोमाथेरेपी (अत्यंत संभव है, तत्परता के साथ उपयोग करें) जैसे कि अदरक, जीरा, लौंग, और जैतून का तेल महिलाओं के गर्भाधान को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकती है।
  • आयुर्वेदिक और जड़ी बूटियों का सेवन: विभिन्न आयुर्वेदिक और जड़ी बूटियों का सेवन भी महिलाओं को गर्भाधान के लिए तैयार कर सकता है, जैसे कि अश्वगंधा, शतावरी, ब्राह्मी, और बंदीपत्रिका।
  • अनियमितता का प्रबंधन: स्वस्थ और नियमित जीवनशैली का पालन करना महिलाओं को गर्भाधान के लिए तैयार कर सकता है। यह समावेश करता है सही नींद, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ आहार।
  • चिंता और तनाव का प्रबंधन: ध्यान, ध्यान और प्राणायाम जैसी धार्मिक तकनीकों का अभ्यास करना, जैसे कि मेडिटेशन, महिलाओं को चिंता और तनाव का सामना करने में मदद कर सकता है जो गर्भाधान को प्रोत्साहित करता है।

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महिला बांझपन के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ और दवाएँ

1. अश्वगंधा (Ashwagandha): अश्वगंधा एक प्राचीन औषधि है जो शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकती है, जो गर्भाधान के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

2. शतावरी (Shatavari): शतावरी महिलाओं के प्रजनन सिस्टम के लिए उत्तम माना जाता है और गर्भाधान को समर्थन करने में मदद कर सकती है।

3. ब्राह्मी (Brahmi): ब्राह्मी के उपयोग से मानसिक चिंता और तनाव कम हो सकता है, जिससे गर्भाधान की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

4. अशोक (Ashoka): अशोक के प्रयोग से गर्भाशय की समस्याओं को सुधारा जा सकता है, जिससे गर्भाधान की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

5. गोखरू (Gokshura): गोखरू का सेवन आंवल संतुलन को बढ़ा सकता है और महिलाओं की गर्भाधान की क्षमता को बढ़ा सकता है।

6. विजयसार (Vijaysar): विजयसार का सेवन डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जो गर्भाधान के लिए उपयुक्त हो सकता है।

7. लोध्र (Lodhra): लोध्र का प्रयोग गर्भाशय संबंधित समस्याओं को सुधारने में मदद कर सकता है, जो गर्भाधान की संभावनाएं बढ़ा सकता है।

निष्कर्ष

महिला बांझपन के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन इससे पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद आवश्यक है। आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग केवल उन्हीं लोगों के लिए सुरक्षित होता है जिन्हें इनकी सही में आवश्यकता होती है और जो डॉक्टर के परामर्श (Dr. Ruchi Tyagi) के बाद उनकी, शारीरिक स्थिति, और अन्य कारणों के आधार पर सही मात्रा और सही तरीके से दवाई लेते हैं।

आयुर्वेदिक उपचार केवल प्राकृतिक दवाइयों पर आधारित होते हैं, इसलिए उनका उपयोग धीरे-धीरे होता है और इसे नियमित रूप से लेना चाहिए। अंत में, जब भी आप किसी नए उपचार या दवा का उपयोग कर रहे हों, तो अपने डॉक्टर से बात करें और उनकी सलाह पर चलें। आज ही  healthybazar पर visit करे।

Last Updated: Feb 21, 2024

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