शीघ्रपतन, जिसे अंग्रेजी में प्रिमैच्योर इजैक्यूलेशन कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष इच्छानुसार से पहले या संभोग के तुरंत बाद अनैच्छिक रूप से वीर्य (शुक्राणु) का स्खलन कर देता है। यह पुरुष और उसके साथी दोनों के लिए तनावपूर्ण और निराशाजनक हो सकता है। यदि शीघ्रपतन अधिकांश समय (लगभग 70-80% या अधिक) यौन संबंधों के दौरान होता है, तो इसे शीघ्रपतन माना जा सकता है।
पुरुष के पास स्खलन के समय पर बहुत कम या कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे उसे या उसके साथी को परेशानी होती है, तो यह शीघ्रपतन हो सकता है| शीघ्रपतन को परिभाषित करने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं है, लेकिन प्रवेश के बाद कम से कम 2-3 मिनट तक स्खलन में देरी करने में असमर्थता एक संकेतक हो सकती है। यदि आप शीघ्रपतन का अनुभव करने के बारे में चिंतित हैं, तो डॉक्टर या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
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पुरुषों में शीघ्रपतन का भारत में अनुपात और प्रभाव
- अनुपात: भारत में शीघ्रपतन का अनुपात 30-40% होने का अनुमान है। इसका मतलब यह है कि हर 3-4 में से 1 पुरुष अपने जीवन में किसी न किसी समय शीघ्रपतन का अनुभव कर सकता है।
- प्रभाव: शीघ्रपतन पुरुषों और उनके साथियों दोनों के लिए तनावपूर्ण और निराशाजनक हो सकता है। यह पुरुषों में आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को कम कर सकता है, और रिश्ते की समस्याओं को जन्म दे सकता है।
यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे शीघ्रपतन पुरुषों को प्रभावित कर सकता है
- यौन प्रदर्शन: शीघ्रपतन पुरुषों को अपने साथी को संतुष्ट करने में असमर्थ महसूस करा सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य: शीघ्रपतन चिंता, अवसाद और कम आत्मसम्मान का कारण बन सकता है।
- रिश्ते: शीघ्रपतन रिश्ते में तनाव और संघर्ष पैदा कर सकता है।
- सामाजिक कलंक: शीघ्रपतन को अक्सर कमजोरी या पुरुषत्व की कमी के रूप में देखा जाता है, जिसके कारण पुरुष इसे स्वीकार करने या मदद लेने में संकोच करते हैं।
- जानकारी का अभाव: शीघ्रपतन के बारे में जागरूकता और जानकारी की कमी पुरुषों को उपचार विकल्पों से दूर रख सकती है।
- डॉक्टरों से संकोच: पुरुष अक्सर शीघ्रपतन के बारे में डॉक्टरों से बात करने में संकोच करते हैं, जिसके कारण वे उपचार नहीं प्राप्त करते हैं।
भारतीय पुरुषों में शीघ्रपतन के प्रमुख कारण
1. शारीरिक कारण
- हार्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन, प्रोजेस्टेरोन, और डोपामाइन जैसे हार्मोन का स्तर शीघ्रपतन में भूमिका निभा सकता है।
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में कुछ समस्याएं शीघ्रपतन का कारण बन सकती हैं।
- संवेदनशीलता में वृद्धि: लिंग की संवेदनशीलता में वृद्धि शीघ्रपतन का कारण बन सकती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य स्थितियां: मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और हृदय रोग जैसी कुछ शारीरिक स्वास्थ्य स्थितियां शीघ्रपतन का कारण बन सकती हैं।
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2. मनोवैज्ञानिक कारण
- तनाव: तनाव शीघ्रपतन का एक प्रमुख कारण है।
- चिंता: प्रदर्शन की चिंता और यौन चिंता शीघ्रपतन का कारण बन सकती है।
- अवसाद: अवसाद शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- रिश्ते की समस्याएं: रिश्ते में तनाव और संचार की कमी शीघ्रपतन का कारण बन सकती है।
3. जीवनशैली के कारण
- धूम्रपान: धूम्रपान शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- शराब का अत्यधिक सेवन: शराब का अत्यधिक सेवन शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- नियमित व्यायाम की कमी: नियमित व्यायाम की कमी शीघ्रपतन का कारण बन सकती है।
- नींद की कमी: नींद की कमी शीघ्रपतन का कारण बन सकती है।
भारतीय पुरुषों में शीघ्रपतन के लक्षण
1. मुख्य लक्षण
- इच्छानुसार से पहले या संभोग के तुरंत बाद अनैच्छिक स्खलन: यह शीघ्रपतन का मुख्य लक्षण है।
- स्खलन पर नियंत्रण की कमी: पुरुष को स्खलन के समय पर बहुत कम या कोई नियंत्रण नहीं होता है।
- यौन संबंधों में कमी: शीघ्रपतन के कारण पुरुष यौन संबंधों से बच सकते हैं।
- चिंता और अवसाद: शीघ्रपतन के कारण पुरुष चिंता और अवसाद का अनुभव कर सकते हैं।
- रिश्ते में समस्याएं: शीघ्रपतन के कारण रिश्ते में तनाव और संचार की कमी हो सकती है।
2. अन्य लक्षण
- लिंग में संवेदनशीलता में वृद्धि: लिंग में थोड़ी सी उत्तेजना भी स्खलन का कारण बन सकती है।
- संभोग के दौरान कम जोश: पुरुष संभोग के दौरान कम जोश या उत्साह महसूस कर सकता है।
- संभोग के बाद अपराधबोध या शर्मिंदगी: पुरुष शीघ्रपतन के बाद अपराधबोध या शर्मिंदगी महसूस कर सकता है।
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शीघ्रपतन का समाधान: आयुर्वेदिक दवाइयां
शीघ्रपतन का समाधान करने के लिए कई आयुर्वेदिक दवाएं और घरेलू उपचार मौजूद हैं, जो व्यक्ति को स्थिरता प्रदान करते हैं और सेक्स संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक दवाएं और उनके फायदे हैं:
- अश्वगंधा (Ashwagandha): अश्वगंधा एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो शारीरिक और मानसिक संतुलन को सुधारने में मदद कर सकती है। यह शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है और यौन उत्सुकता को बढ़ा सकती है।
- शतावरी (Shatavari): शतावरी एक औषधीय पौधा है जो पुरुषों में सेक्स ड्राइव और शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- अर्जुन (Arjuna): अर्जुन की छाल का इस्तेमाल भी शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
- ब्रह्मी (Brahmi): ब्रह्मी मस्तिष्क की क्रिया को बढ़ाती है और सेक्स संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है।
- यौवनामृत वटी (Yauvanamrit Vati): यह आयुर्वेदिक दवा शीघ्रपतन को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग की जाती है और सेक्स संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है।
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निष्कर्ष
शीघ्रपतन का समाधान करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि अश्वगंधा, शतावरी, अर्जुन, ब्रह्मी, और यौवनामृत वटी। ये दवाएं शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं और सेक्स संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकती हैं। हालांकि, इनका उपयोग करने से पहले, आपको Dr.Chitranshu saxena से healthybazar पर परामर्श ले, विशेष रूप से यदि आपके पास किसी भी निदानित समस्या है। वे आपके लिए सबसे अच्छी दवा और उपाय का सुझाव देंगे जो आपके लिए सबसे उपयुक्त हो।