Published 28-06-2022
LIFESTYLE DISEASES
आधुनिक विज्ञान ने हाल ही में बौद्ध धर्म, कन्फ्यूशीवाद, इस्लाम और हिंदू धर्म जैसी प्राचीन पूर्वी परंपराओं में पाए जाने वाले ज्ञान में गहरी रुचि दिखाई है, लेकिन ये मॉडर्न साइंस आखिर प्राचीन धर्मो में रूचि क्यों ले रहे है। तो इसक जवाब है अत्यादमिकता (Spirituality) जिसका सरे घर्मो में ज़िक्र मिलता है l
आज की भाग-दौड़ करती ज़िन्दगी में लोग दुसरो के साथ-साथ खुद को भी भूल गए है, सफल होने और पैसे कमाने के चक्कर में आपने अंदर झाकना भूल गए हैं , कुछ देर रुक के अपनी कमियों या गलतियों को देखना तो बीते ज़माने की बात हो गयी है, जिसकी वजह से हमारा दिमाग शांत नहीं रहता, सुकून नहीं मिलता, इससे दिमाग से जुडी हुई परेशानिया बढ़ने लगी है, साथ ही साथ लोगो में डिप्रेशन, एंग्जायटी, suicidal thoughts आने लगे है , जो एक चिंता का विषय है , तो आज हम लोग ये जाने गए यूनानी चिकित्सा अत्यमिकता के बारे में क्या कहता है l
अध्यात्म क्या है?—या यूनानी में कहे तो रब्बानियात, ये इंसान की एक ऐसी स्थिति है जहा वो दुनिया का भौतिक सुख छोड़ अपने ईश्वर के साथ एक हो जाता है ,या ऐसे कहे की अपने आप से मिल जाता है। हालांकि, यूनानी चिकित्सा का मानना है की एक इंसान के रूप में इस अनुभव को कही भी किसी भी समय महसूस किया जा सकता है, या भगवान से जुड़ा जा सकता है इसके लिए किसी खास जगह या समय की आवश्यकता नहीं है, ज़रूरी है तो बस आपने आप को तैयार करने की!
यूनानी चिकित्सा के अनुसार अध्यात्म से आप उद्देश्य, शांति, आशा और अर्थ की उच्च भावना महसूस कर सकते हैं। आप बेहतर आत्मविश्वास, आत्म-सम्मान और आत्म-नियंत्रण का अनुभव कर सकते हैंl अध्यात्म से आप को एक मजबूत आध्यात्मिक दृष्टिकोण रखने में मदद मिलती है जिससे आपको अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों में अर्थ खोजने में मदद मिल सकती है।
1- Meditation/ ध्यान करना - इससे मन एकाग्र होता है जिससे शांति प्राप्त होती है शरीर में नयी ऊर्जा महसूस होती है, ध्यान करने से आपको दुनिया का सामना करने की क्षमता मिलती है, तथा दुनिया की परेशानियों से l
2- Reflection/प्रतिबिंब (तफ्फाकुर)
तफ्फाकुर का अर्थ है जानबूझकर, रचनात्मक, उद्देश्यपूर्ण और सकारात्मक सोच (Think positive)
तफ्फाकुर का अभ्यास आवश्यक है, क्योंकि आधुनिक संस्कृति निरंतर मनोरंजन और व्याकुलता को प्रोत्साहित करती है। आज की तेज़ तफ्तार दुनिया में हमारे पास खुद के लिए समय नहीं होता है, इसलिए हम अनसुलझे विचारों, आशंकाओं को ख़त्म करने का जिससे इंसान को अपने अंदर बेचैनी अशांति महसूस होती है हमें जो करने की जरूरत है, वह है खुद को तोड़ना और खुद को उन बेड़ियों से मुक्त करना जो हमें इस दुनिया से बांधती हैं।
3- Seclusion/तनहाई- मौन रह कर दुनिया से कुछ दिन के लिए किनारा कर लेना सेक्लुशन (तनहाई) कहलाता है केवल मौन में ही रहकर हम अपने दिल की बात सुन सकते हैं, ये इंसान की आत्मा के लिए एक बाम की तरह है ,अकेले में रह कर खुद पर और ईश्वर पर ध्यान देना, इससे हमारी आत्मा अंदर से हील होती है ।
यूनानी चिकित्सा में spiritual healing की बात कही गयी है यानि मन, शरीर और आत्मा (Mind, Body and soul) तीनो का सही होना अगर ये तीनो सही है तभी उस इंसान को स्वस्थ मन जाएगा और अब तो WHO ने भी Holistic approach की बात कही है, इन तीनो के सही होने के लिए इंसान का आध्यात्मिकता से जुड़ा होना बहुत ज़रूरी है , इसके कुछ तरीके बताये गए है, जैसे ध्यान करना , मौन करना, तन्हाई में रहना आदि, इस तरीके को अपना कर इंसान मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकता है ।