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Published 09-08-2024

आयुर्वेदिक सौंदर्य उपचार: कील मुंहासों को कंट्रोल करने के टिप्स

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आयुर्वेदिक सौंदर्य उपचार: कील मुंहासों को कंट्रोल करने के टिप्स

Dr. Shivani Nautiyal

Dr. Shivani Nautiyal is a renowned Ayurvedic physician, Panchakarma therapies specialist, and detox expert who has made significant contributions to the field of natural holistic healing and wellness. With her profound knowledge, expertise, and compassionate approach, she has transformed the lives of countless individuals seeking holistic health solutions. She is a Panchakarma expert, which are ancient detoxification and rejuvenation techniques. She believes in the power of Ayurveda to restore balance and harmony to the body, mind, and spirit.

खूबसूरत चेहरा हर किसी को अच्छा लगता है, सब लोग चाहते होंगे कि उनके चेहरे के सारे दाग-धब्बे मिट जाएं और चेहरा एकदम बेदाग हो जाए। लेकिन हमारी खराब जीवनशैली और खानपान की वजह से अक्सर चेहरे पर कील-मुंहासे निकल आते हैं। वैसे तो बाजार में मुंहासों की दवा, चेहरा साफ करने की दवाओं आदि के नाम पर कई उत्पाद बिक रहे हैं, लेकिन बेहतर होगा कि इन्हें अपनाने की बजाय आप मुंहासे हटाने और चेहरा साफ करने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय अपनाएं। जब हमारी त्वचा पर मौजूद तेल ग्रंथियां बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती हैं, तो मुँहासों का जन्म होता है।

हमारे शरीर में हथेलियों और तलवों को छोड़कर ये तेल ग्रंथियां पूरे शरीर की त्वचा पर मौजूद होती हैं। त्वचा के रोमछिद्र भीतर से ही इन तेल ग्रंथियों वाली कोशिकाओं से जुड़े होते हैं। यही रोमछिद्र सीबम पैदा करते हैं, जो त्वचा की खूबसूरती और उसके भीतर तेल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। जब हमारे शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है, तो हमारी त्वचा की तेल ग्रंथियों में तेल संतुलन बिगड़ जाता है। इस संतुलन के बिगड़ने की वजह से ही हमारी त्वचा पर मुँहासे नजर आने लगते हैं।

आयुर्वेदिक घरेलू उपायों का उपयोग करके आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं और अपने चेहरे की खूबसूरती को वापस पा सकते हैं। प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके अपनाकर आप अपनी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बना सकते हैं।

मुहासों के कारण  (Causes of Acne) 

  • अनुवांशिक कारण: पिंपल या मुँहासे की समस्या अनुवांशिक हो सकती है। अगर आपके परिवार में किसी को बार-बार मुँहासे होते हैं, तो आपको भी इसका सामना करना पड़ सकता है।
     
  • हार्मोनल बदलाव: बढ़ती उम्र के साथ शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण भी मुँहासे होते हैं। खासकर महिलाओं में मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के समय हार्मोनल बदलाव के कारण मुँहासे हो सकते हैं।
     
  • दवाओं का प्रभाव: कभी-कभी तनाव, मिर्गी या मानसिक बीमारी से जुड़ी कुछ दवाओं के सेवन से भी मुँहासे निकल सकते हैं।
     
  • सौंदर्य प्रसाधनों का अत्यधिक उपयोग: कॉस्मेटिक उत्पादों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से भी मुँहासे निकल सकते हैं। कई बार महिलाएं पूरे दिन मेकअप में रहती हैं और रात को सही तरीके से मेकअप नहीं उतारती हैं, जिससे पिंपल हो सकते हैं। इसलिए हल्का मेकअप करने और नेचुरल ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
     
  • खान-पान: बेकरी के खाद्य पदार्थ और हाई शुगर वाले ड्रिंक्स का सेवन करने से भी मुँहासे होते हैं। इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट, ऑयली चीजें और जंक फूड के ज्यादा सेवन से भी मुँहासे हो सकते हैं।
     
  • तनाव: ज्यादा समय तक तनाव में रहने से भी मुँहासे की परेशानी हो सकती है। जब आप तनाव में होते हैं तो आपके शरीर के अंदर कुछ बदलाव होते हैं जिससे मुँहासे हो सकते हैं। तनाव से न्यूरोपैट्राइड्स नामक रसायन निकलता है जो समस्या को और बढ़ा सकता है।
     
  • धूल-मिट्टी और प्रदूषण: ज्यादा समय तक धूल-मिट्टी और प्रदूषित वातावरण में रहने से भी मुँहासे होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बदलते मौसम के कारण भी मुँहासे हो सकते हैं।

ये भी पढ़े: कील-मुंहासे के लिए आयुर्वेदिक दवा

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मुँहासों के लक्षण (Symptoms of Acne) 

मुँहासे या एक्ने फुंसी का ही एक प्रकार होते हैं, लेकिन इनके और भी लक्षण हो सकते हैं:

  • व्हाइटहेड्स (white heads)
  • ब्लैकहेड्स (Black heads)
  • छोटे लाल, कोमल बम्प

कभी-कभी महिलाओं को मुँहासे आने लगते हैं, वजन बढ़ने लगता है, और बाल झड़कर पतले हो जाते हैं। ये लक्षण सामान्य लग सकते हैं, लेकिन यह आपके माँ बनने में समस्या का संकेत भी हो सकते हैं। इसलिए समय रहते इन संकेतों पर ध्यान दें और बांझपन से पहले सावधानी बरतें।

आमतौर पर, पॉलिसिस्टिक ऑवरी सिंड्रोम (पी.सी.ओ.एस) भारतीय प्रजनन आयु की महिलाओं में एक सामान्य अंतःस्रावी विकार है, जिससे बांझपन हो सकता है। यदि कोई महिला दर्दनाक अनियमित मासिक धर्म या मुँहासों से ग्रस्त है और उसका वजन बढ़ रहा है, तो यह पी.सी.ओ.एस नामक हार्मोन असंतुलन का संकेत हो सकता है।

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और सही समय पर चिकित्सा सलाह लें ताकि समस्या का समाधान हो सके।      

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कील मुंहासों का घरेलू उपचार (Home Remedies for Acne) 

कील मुंहासों का घरेलू उपचार

 

1. बर्फ से करें सिकाई 

एक छोटे बर्फ के टुकड़े को एक साफ कपड़े में लपेट लें और धीरे-धीरे उस से  अपने एक्ने पर 10 - 15  मिनट तक सिकाई करें। लेकिन ध्यान रखें कि आप ज्यादा देर तक बर्फ को एक ही जगह के एक्ने पर सिकाई ना करें उसे बराबर टाइम तक पूरे चेहरे की सिकाई करें |

2. मुल्तानी मिट्टी, गुलाबजल और नींबू का पेस्ट 

मुल्तानी मिट्टी, गुलाबजल और नींबू के रस को  3:2:1  के रेश्यो में मिलाकर एक पेस्ट बना लें। फिर अपने साफ़ हातों से इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर लगाएं। इस पेस्ट को दस से पंद्रह मिनट तक लगाकर रखें फिर ठन्डे पानी से धो लें।

3. एलोवेरा जेल

एलोवेरा जेल को रात को सोने से पहले पिम्पल पर लगा ले और पूरी रात इसे लगा रहने दें और फिर सुबह सादे पानी से धो लें। यह पिम्पल हटाने का सबसे आसान घरेलू उपाय है।

4.  शहद

चेहरे के दाग-धब्बे हटाने के लिए शहद का इस्तेमाल एक प्रभावी उपाय है। इसके लिए, अपनी साफ उंगली से शहद को मुंहासों पर लगाएं। इसे बीस से पच्चीस मिनट तक सूखने दें, फिर पानी से चेहरा धो लें। इसके अलावा, शहद और दालचीनी पाउडर को मिलाकर मुंहासों पर लगाने से भी लाभ मिलता है।

5. चंदन पाउडर

चन्दन पाउडर में गुलाब जल को मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें और उसमे एक या दो चम्मच नारियल तेल डालकर उसे भी मिला लें। फिर अपनी उंगली से उस पेस्ट को पिंपल पर लगाए और सूख कर खुद ही झड़ने दें। इसे हर कुछ घण्टों में लगाते रहें।

6. नीम

नीम के पत्तों को सुखाकर पाउडर बना लें और बराबर मात्रा में मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल मिलाकर पेस्ट तैयार करें। तैयार हुए पेस्ट को उंगली से पिंपल पर लगाएं और इसे सूखने दें और ठन्डे पानी से धो लें |

ये भी पढ़े: मोरिंगा पाउडर" के विटामिन B12 की कमी में फायदे

एक्ने से छुटकारा पाने के लिए जीवनशैली में बदलाव

  • अपने चेहरे को प्रतिदिन दो बार धोएं। इससे चेहरे पर जमा धूल-मिट्टी साफ हो जाती है और पिंपल्स की संभावना कम हो जाती है।
     
  • मेकअप ब्रश को नियमित रूप से अच्छी तरह धोने की आदत डालें ताकि उनमें बैक्टीरिया न पनपें।
     
  • दिन में दस से बारह गिलास पानी पिएं, जिससे शरीर की अशुद्धियाँ बाहर निकलती रहें।
     
  • अगर कोई पिंपल निकले तो उसे दबाएं नहीं, क्योंकि ऐसा करने से पिंपल्स और फैल सकते हैं।
     
  • अधिक नमक का सेवन करने से भी एक्ने हो सकता है, इसलिए नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें।
     
  • पौष्टिक और संतुलित आहार लेने की आदत डालें।
     
  • भाप लेना त्वचा के रोमछिद्रों को खोलने में मदद करता है, जिससे पिंपल्स और ब्लैकहेड्स को हटाना आसान हो जाता है।
     
  • अपने चेहरे को बार-बार छूने से बचें, क्योंकि हाथ में मौजूद बैक्टीरिया चेहरे की त्वचा तक पहुँचकर पिंपल्स का कारण बन सकते हैं|

निष्कर्ष 

चेहरे के दाग-धब्बों और मुँहासों से निपटने के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय न केवल सुरक्षित हैं बल्कि प्रभावी भी हैं। जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव, जैसे नियमित रूप से चेहरा साफ करना, सही आहार लेना, और त्वचा की देखभाल के नियमों का पालन करना, लंबे समय तक साफ और स्वस्थ त्वचा बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं।

शहद, दालचीनी, और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करके मुँहासों का इलाज करना एक सरल और प्रभावी तरीका है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि त्वचा की देखभाल में धैर्य और निरंतरता बनाए रखें, जिससे आप स्वस्थ और बेदाग त्वचा पा सकें। आमतौर पर मुँहासे या एक्ने होना एक सामान्य समस्या है। परन्तु कभी-कभी मुँहासे एक गंभीर स्थिति में परिवर्तित हो जाते हैं। जब मुँहासों की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाए एवं पस से भर जाएं और दर्द हो तो हमें डॉक्टर से तुरन्त सम्पर्क करना चाहिए। , आप हमारी वेबसाइट www.healthybazar.com पर कर सकते है |

Last Updated: Nov 15, 2024

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