गर्भावस्था के दौरान अच्छी देखभाल मां और बच्चे दोनों के स्वस्थ के बहुत ज़रूरी है, यूनानी चिकित्सा में इस पे पूरा एक टॉपिक है जिसे, "तदाबीर-ए-हामला" के नाम से जाना जाता है, जिसमे प्रेगनेंसी के शुरू होने से ले कर बच्चे पैदा होने के बाद तक माँ और शिशु की देखभाल के बारे में बताया गया है, प्रेगनेंसी में ज़रूरी है की एक माँ को और उसका ख्याल रखने वाले लोगो को पता हो की क्या खाना है और प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए जिससे प्रेगनेंसी में तकलीफ हो सकती है l तो आज हम प्रेगनेंसी के नौ माह की डाइट और लाइफस्टाइल देखेंगे, जिससे माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे l
1- गर्भावस्था के दौरान, बच्चे की अच्छी ग्रोथ के लिए माँ को ज़्यादा कैलोरी (Calorie) की ज़रूरत पड़ती है। तो, खाने में मात्रा और गुणवत्ता के मामले में उच्च कैलोरी आहार होना चाहिए, हल्का और आसानी से पचने वाला खाना खाना चाहिए, प्रोटीन, खनिज (minerals) और विटामिन जैसे चिकन, मछली, भुना हुआ चना, सेब, अंगूर, अमरूद आदि का सेवन करना चाहिए।
2- बदहज़मी और गैस्ट्रिक परेशानी से बचने के लिए थोड़ा-थोड़ा भोजन, बार-बार किया जाता है।
3- प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन डी और कैल्शियम की ज़रूरत ज़ादा होती है, इसके लिए डेरी प्रोडक्ट लेना चाहिए जैसे दूध, दही, मक्खन, पनीर, छाछ आदि ।
4- गर्भावस्था के दौरान मुवल्लिद-ए दम ग़िज़ा यानि खून बनाने वाले खाने दिए जाना चाहिए जैसे कि भूसी के साथ अनाज का आटा, हरी पत्तेदार सब्जियां, शलजम, चुकंदर, जड़ वाले फल जैसे आंवला, अनार, अंगूर, केला और खजूर आहार में शामिल हैं।
5- हर दिन कम से कम 3-4 अलग अलग रंग के फलों का सेवन करिये जिसमे खट्टे फल, अलग अलग रंग के फल जैसे संतरा, अंगूर, सेब आदि खाना चाहिए, ये माँ के और बच्चे के विटामिन्स और माइक्रो नुटिएंट को पूरा करते है l
1- रात में 8 घंटे और दिन में 2 घंटे की नींद जरूर लें। सही से आराम करे और हो सके तो बायीं करवट में सोये ।
2- हल्के व्यायाम (exercise), उचित स्तन देखभाल और अन्य स्वच्छता की सलाह दी जाती है।
3- अत्यधिक ठंडे और गर्म वातावरण, धूल और धुएं के संपर्क में आने से बचे ।
4- धीमी गति से चलने की सलाह दी जाती है।
5- ढीले ढाले कपड़े की सिफारिश की जाती है ।
6- प्रेगनेंसी में ऐसे योग करने चाहिए जो नार्मल डिलीवरी में सहायक हो जैसे पूर्ण तितली आसन, अर्ध तितली आसन, उत्कतासना, सुप्त उदारकर्षण आसन आदि ।
निन्मलिखित चीज़ो से परहेज़ करे (Things to Avoid)
1- भारी और साकील (कम पचने वाले खाने ), नफख (पेट फूलना) और बार बार पेशाब लगने वाले खाने और दवाओं से बचना चाहिए जैसे लोबिया, चना, कुंजूद (तिल), हल्दी, कच्चा जैतून, तेल और वसायुक्त आहार इससे बदहज़मी और गर्भपात का खतरा रहता है ।
2- गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान और शराब से बचना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक शराब के सेवन के कारण कई भ्रूण में पैदा होने के बाद हाथ पैर में विकार देखा गया है ।
3- ज़ोरदार शारीरिक और मानसिक कार्य जैसे कूदने, भारोत्तोलन (Weight lifting), ज़ोरदार व्यायाम, अत्यधिक सहवास (Excessive sex), क्रोध, बार-बार हम्माम (स्नान) से बचना चाहिए, विशेष रूप से पहली तिमाही के दौरान इससे गर्भपात का खतरा रहता है ।
4- अग़राज़े नफ़सानी (तनाव और टेंशन) से बचना चाहिए और ज़्यादा गुस्सा या डर से भी दूर रहना चाहिए इसके कारण गर्भपात हो सकता है।
5- खट्टी डकार को रोकने के लिए सिर पर तेल लगाने और मालिश करने से बचे, पेट फूलना और कब्ज से बचें।
6- पहले चार महीनों के दौरान और गर्भावस्था के सातवें महीने से जुलाब (loose motion) से बचना चाहिए।
7- गर्भावस्था के चौथे महीने से सातवें महीने तक दवाएं दी जा सकती हैं। पहली तिमाही के दौरान किसी भी दवा से बचना बेहतर है।
निष्कर्ष
गर्भावस्था के नौ महीने पुरे करना और एक स्वस्थ बैठे को जन्म देने के लिए एक माँ को बहुत सारी चीज़ो का ख्याल रखना पड़ता है बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बहुत सरे लोगो को नहीं पता होता की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए किन चीज़ो से परहेज़ करना चाहिए, इसलिए यहाँ पे यूनानी चिकित्सा के ज़रिये प्रेगनेंसी में देखभाल के कुछ उपाए बताये गए है, जिससे माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें । यदि आपको Pregnancy या किसी भी शारीरिक या मसंशिक तकलीफ के बारे में जानना है तो हम आपको हमारे एक्सपर्ट (expert) डॉक्टर्स से संपर्क करने की सलाह देते है www.healthybazar.com पर जाए और अपनी हर समस्या का समाधान नेचुरल (natural) तरीके और समस्या को जड़ से ख़तम करने का उपाए हमारे डॉक्टर्स से ले ।
A graduate from Hamdard University, Dr Asfiya is dedicated to providing natural treatments and comfort to every patient through her extensive knowledge and experience. In addition to medical practice, she has a passion for playing volleyball and chess.