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Home/Sexual wellness/क्या Unani में PCOD का पूर्ण इलाज संभव है ?

क्या Unani में PCOD का पूर्ण इलाज संभव है ?

Published On: Dec 28, 2022
Last Updated: May 11, 2025
क्या Unani में PCOD का पूर्ण इलाज संभव है ?

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारी जीवनशैली तेजी से बदल रही है, लेकिन इसके साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं। पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर) उन्हीं में से एक है, जो महिलाओं में तेजी से फैल रही है। इसकी प्रमुख वजहें अनियमित दिनचर्या, असंतुलित आहार, तनाव, हार्मोनल बदलाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी हैं।

यदि समय पर ध्यान न दिया जाए, तो पीसीओडी कई जटिल स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। लेकिन सही जीवनशैली अपनाकर और प्राकृतिक उपायों का सहारा लेकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।   

यूनानी दृष्टिकोण से पीसीओडी को  जाने (Unani Drishtikon Se PCOD Ko Jane)   

यूनानी चिकित्सा प्राकृतिक संतुलन और शरीर की आंतरिक शक्ति को बढ़ाने पर जोर देती है। यह प्रणाली मानती है कि संतुलित आहार, हर्बल उपचार, व्यायाम और मानसिक शांति पीसीओडी जैसी समस्याओं का इलाज  करने में सहायक हो सकते हैं। यूनानी पद्धति में कुछ प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उल्लेख मिलता है, जिन्हें स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार अपनाया जा सकता है। 

स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पीसीओडी को प्रबंधित करें (Swasthya Jeevanshaili Apnakar PCOD Ko Prabandhit Karein)- 

संतुलित आहार (Santulit Ahar): पोषक तत्वों से भरपूर आहार शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है।

शारीरिक सक्रियता (Sharirik Sakriyata): योग और हल्के व्यायाम हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं।

मानसिक शांति (Mansik Shanti): ध्यान और तनाव प्रबंधन की तकनीकें पीसीओडी को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।

इस ब्लॉग में हम यूनानी दृष्टिकोण से पीसीओडी को समझेंगे और इसके संभावित प्राकृतिक समाधान जानेंगे। सही जीवनशैली और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

पीसीओडी क्या है / PCOD kya hai 

यूनानी चिकित्सा में पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर) को एहतेबास तमस के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे अंडाशय में सिस्ट बनने की संभावना बढ़ जाती है।

यूनानी दृष्टिकोण के अनुसार, इसका मुख्य कारण शरीर में बलगम (Phlegmatic element) का बढ़ना होता है। जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो मासिक धर्म अनियमित हो सकता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। हालांकि, सही सलाह और उचित जड़ी-बूटी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। 

पीसीओडी के लक्षण (PCOD Ke Lakshan)

पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (पीसीओडी) एक सामान्य हार्मोनल विकार है, जो महिलाओं में कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके लक्षण व्यक्ति के शरीर और जीवनशैली के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं, कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं - 

1. मासिक धर्म की समस्या (Masik Dharm Ki Samasya)

पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी कई समस्याएं देखने को मिलती हैं।

  • ओलिगोमेनोरिया: एक वर्ष में नौ या उससे कम बार माहवारी आना।
  • एमेनोरिया: तीन या अधिक महीनों तक मासिक धर्म न आना। 
  • अनियमित रक्तस्राव या अत्यधिक रक्तस्राव जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

2. बांझपन (Infertility) 

पीसीओडी की वजह से कई महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है।

  • इसका मुख्य कारण एनोव्यूलेशन है, जिसमें अंडाशय से नियमित रूप से अंडाणु नहीं निकलते।
  • यदि समय पर इसका समाधान न किया जाए, तो यह महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

3. मेटाबोलिक विकार (Mobility Vikaar)

  • पीसीओडी केवल हार्मोनल समस्या नहीं है, बल्कि यह शरीर की चयापचय प्रणाली (metabolism) को भी प्रभावित करता है।  
  • इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance): यह शरीर की कोशिकाओं की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को कम कर सकता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
  • वजन बढ़ना: कई महिलाओं में यह समस्या तेजी से वजन बढ़ने का कारण बनती है, खासकर पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है।
  • चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल (Hirsutism): हार्मोनल असंतुलन के कारण चेहरे, छाती और पीठ पर बालों की वृद्धि हो सकती है।  

होम रेमेडी/ हर्बल रेमेडी/ घरेलु नुस्खे पीसीओडी के लिए (Home Remedy/ Herbal Remedy/ Gharelu Nuskhe PCOD Ke Liye)

1- दालचीनी में इन्सुलिन के स्तर को नार्मल करने और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने की क्षमता होती है। यूनानी चिकित्सा से यह भी पता चलता है की दालचीनी गर्भधारण की संभावना को बढ़ाता है। मिल्कशेक या दही के साथ  दालचीनी पाउडर  का सावन  किया जा सकता है, लेकिन बिना चिकित्सक की सलाह के इसका उपयोग ना करें।

2- मेथी के बीज या पत्तियों का सेवन सामान्य इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करने में कारगर हो सकता है । मेथी शरीर में ग्लूकोज टॉलरेंस को बढ़ाती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। इसको 1/2 चम्मच लंच और डिनर से पांच मिनट पहले लिया जा सकता है, साथ ही आप मेथी के पत्तों को पका कर भी खा सकते हैंl डॉक्टर की राय से ही इसका सेवन करें।

3-  तुलसी एण्ड्रोजन हॉर्मोन और  इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित कर सकती है, साथ ही साथ पीसीओडी  के लक्षण को भी कम करती  है, यह एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट भी है। सुबह खाली पेट कम से कम 4-5 पत्ते  चबाने से भी आराम मिल सकता है। 

 यूनानी चिकित्सा में पीसीओडी का इलाज (Unani Chiktsa Mein PCOD Ka Ilaaj)

1. माजुन मुकव्वी रहम (Majun Mukkavi Rehem) -

यह यूनानी औषधि महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उपयोगी मानी जाती है। इसमें असगंद जैसी जड़ी-बूटियां होती हैं, जिनमें फाइटोहोर्मोन पाए जाते हैं। यह हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक हो सकता है और मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में लाभ पहुंचा सकता है। इसे नियमित रूप से लेने से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार देखा गया है। 

2. अर्क माकोह (Arq Makoh) - 

अर्क माकोह एक पारंपरिक यूनानी औषधि है, जिसे एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और डिटॉक्सीफाइंग गुणों के लिए जाना जाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायक हो सकता है और मूत्रवर्धक (Diuretic) प्रभाव के कारण शरीर को शुद्ध करने में मदद कर सकता है। इसे उचित मात्रा में लेने से शरीर को अंदर से संतुलित किया जा सकता है। 

निष्कर्ष (Nishkarsh)

आज के समय में बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर) एक आम समस्या बन गई है, जो हर तीसरी महिला या लड़की में देखने को मिलती है। मुख्य रूप से सेडेंटरी लाइफस्टाइल, वेस्टर्न डायट, तनाव और हार्मोनल असंतुलन इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। हालांकि, यह कोई लाइलाज समस्या नहीं है—सही देखभाल और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

पीसीओडी से बचाव और उपचार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है स्वस्थ जीवनशैली अपनाना। योग, मेडिटेशन और हर्बल उपायों को दिनचर्या में शामिल कर हार्मोनल संतुलन को बनाए रखा जा सकता है। इसके अलावा, यूनानी चिकित्सा प्रणाली में भी कुछ पारंपरिक उपाय उपलब्ध हैं, जो पीसीओडी के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, किसी भी तरह की हर्बल या यूनानी दवा का उपयोग करने से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ या यूनानी डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति का शरीर अलग होता है, और उचित मार्गदर्शन के बिना कोई भी दवा लेना सही नहीं होगा। सबसे जरूरी बात यह है कि पीसीओडी को हल्के में न लें। अगर समय रहते इसका समाधान न किया जाए, तो यह आगे चलकर अन्य जटिल स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए, स्वस्थ आदतें अपनाएं, नियमित चेकअप कराएं और अपने शरीर की जरूरतों को समझें—यही इस समस्या से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।

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This article is written/approved by:
Dr. Asfiya Najmi

A graduate from Hamdard University, Dr Asfiya is dedicated to providing natural treatments and comfort to every patient through her extensive knowledge and experience. In addition to medical practice, she has a passion for playing volleyball and chess.

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