Published On: Oct 18, 2022
Last Updated: Jul 4, 2025
PCOD के पैटर्न में लगातार बदलाव के पीछे कई वजह हो सकती है, लकिन सबसे आम कारण है, पॉलीसिस्टिक ओवरीसिंड्रोम (PCOS) है जिसे PCOD के रूप में भी जाना जाता है। दुनिया भर में लगभग हर दूसरी महिला PCOS का सामना करती हैं, महिलाओं को सही समय पर पीरियड्स न आना चिंता का करण बन जाता है जिससे उनको मानसिक तनाव हो जाता है, लेकिन यह चिंता की बात नहीं है, क्युकी यह मर्ज़ ठीक हो सकता है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) एक हार्मोनल और लाइफस्टाइल की बीमारी है। यह तब होता है जब एक महिला को मासिक ओव्यूलेशन नहीं होता है, और ओवुलेशन न होने की वजह से पीरियड्स भी नहीं होते। तो इस ब्लॉग के ज़रिये हम देखेंगे की यूनानी चिकित्सा से इसे कैसे ठीक किया जा सकता है और पीसीओडी का घरेलु उपचार क्या हैं।
पीसीओडी के लक्षण
- अनियमित पीरियड्स - अनियमित पीरियड्स पीसीओडी (PCOD) का सबसे आम लक्षण होता है। इसमें मासिक धर्म का चक्र समय पर नहीं आता, या कभी-कभी एक या दो महीने के बाद ही पीरियड्स होते हैं। यह हार्मोनल असंतुलन की वजह से होता है, जिसमें ओवरी में अंडाणु (Egg) समय पर रिलीज़ नहीं होता। जब ओव्यूलेशन रुक जाता है, तो पीरियड्स भी अनियमित हो जाते हैं। यह शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के स्तर में गड़बड़ी के कारण होता है। लंबे समय तक पीरियड्स न आना गर्भधारण में बाधा, थकावट और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। इसका इलाज आयुर्वेद, यूनानी और जीवनशैली में सुधार से संभव है।
- लौ फर्टिलिटी रेट - PCOD में महिलाओं की फर्टिलिटी पर गंभीर असर पड़ता है। जब शरीर में ओव्यूलेशन नियमित रूप से नहीं होता, तो गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि अंडाशय में अंडाणु नहीं बन पाते या वे परिपक्व होकर रिलीज़ नहीं हो पाते। यही कारण है कि कई महिलाएं पीसीओडी के कारण गर्भधारण में कठिनाई का सामना करती हैं। इसके साथ-साथ हार्मोनल असंतुलन और मोटापा भी फर्टिलिटी को और प्रभावित करता है। लेकिन यह समस्या स्थायी नहीं है — उचित खान-पान, व्यायाम, मानसिक संतुलन और यूनानी या आयुर्वेदिक चिकित्सा से फर्टिलिटी को बेहतर बनाया जा सकता है।
- असामान्य वजन बढ़ना या मोटापा - पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में वजन तेजी से बढ़ना एक सामान्य बात है। हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर में फैट का जमाव बढ़ जाता है, विशेष रूप से पेट और कमर के आसपास। इसके पीछे मुख्य कारण इंसुलिन प्रतिरोध होता है, जिससे शरीर में ग्लूकोज का सही इस्तेमाल नहीं हो पाता। इससे भूख बढ़ती है और वजन पर नियंत्रण नहीं रहता। मोटापा केवल दिखावटी परेशानी नहीं है, यह फर्टिलिटी, दिल की बीमारियों और डायबिटीज जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों के सहारे वजन को नियंत्रण में लाया जा सकता है।
- हृदय (हृदय) जटिलताएं - PCOD सिर्फ पीरियड्स और फर्टिलिटी तक सीमित नहीं रहता, यह हृदय से जुड़ी समस्याओं को भी जन्म देता है। पीसीओडी में शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल असंतुलन और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा मोटापा और इंसुलिन रेसिस्टेंस भी दिल की बीमारियों के खतरे को कई गुना बढ़ा देते हैं। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो हृदयाघात, स्ट्रोक और हाइपरटेंशन जैसी गंभीर स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं। इसलिए, एक स्वस्थ जीवनशैली, समय पर जांच और उपचार से इन जटिलताओं से बचा जा सकता है।
- मुँहासे या त्वचा पर चकत्ते - PCOD के कारण चेहरे और पीठ पर मुँहासे होना आम है। हार्मोनल असंतुलन की वजह से शरीर में एंड्रोजन हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे सीबम (तेल) का उत्पादन ज़्यादा होता है और पोर्स बंद हो जाते हैं। इससे पिंपल्स, ब्लैकहेड्स और चकत्ते जैसी समस्याएं होती हैं। यह सिर्फ एक स्किन प्रॉब्लम नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास को भी प्रभावित करता है। त्वचा संबंधी इन दिक्कतों से बचने के लिए हाइजीन का ध्यान रखना, ऑयली फूड से बचना और यूनानी या आयुर्वेदिक उपाय अपनाना ज़रूरी है। त्वचा की साफ-सफाई और संतुलित आहार से स्थिति में सुधार संभव है।
- बाल झड़ना - PCOD से पीड़ित महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या आम है। यह एंड्रोजन हार्मोन के असंतुलन की वजह से होता है, जिससे स्कैल्प के बाल पतले हो जाते हैं और समय के साथ झड़ने लगते हैं। इसे मेल-पैटर्न हेयर लॉस भी कहा जाता है। बालों का झड़ना आत्मविश्वास पर गहरा असर डालता है और मानसिक तनाव भी बढ़ाता है। आयरन की कमी, खराब आहार, और तनाव इसे और बढ़ा सकते हैं। बालों की देखभाल, न्यूट्रिशन युक्त आहार, और यूनानी औषधियों की मदद से बाल झड़ने को कम किया जा सकता है और बालों की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है।
- चेहरे और शरीर के बाल पे बाल आ जाना - PCOD से पीड़ित महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे चेहरे, छाती, पेट और पीठ पर अनचाहे बाल उगने लगते हैं। इस स्थिति को हिर्सूटिज़्म कहा जाता है। यह समस्या महिलाओं के लिए शर्मिंदगी और मानसिक असहजता का कारण बन सकती है। यह हार्मोनल असंतुलन का सीधा संकेत होता है, जो ओवरी के सही ढंग से काम न करने के कारण होता है। इसका इलाज लेजर, दवाओं और यूनानी चिकित्सा से किया जा सकता है। लाइफस्टाइल में बदलाव, तनाव कम करना और आंतरिक शुद्धि की प्रक्रियाएं भी इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
- चिंता और अवसाद - PCOD केवल शारीरिक नहीं, मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। लगातार हार्मोनल असंतुलन, अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना और फर्टिलिटी की चिंता से महिलाएं तनाव, चिंता और डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। आत्मविश्वास में कमी, सामाजिक दूरी और थकान मानसिक स्थिति को और बिगाड़ देती है। मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना उतना ही ज़रूरी है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य पर। योग, मेडिटेशन, थेरेपी, सपोर्ट ग्रुप और एक सकारात्मक जीवनशैली अपनाकर इस स्थिति से उबरा जा सकता है। यूनानी चिकित्सा में मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष जड़ी-बूटियों और जीवनशैली सुधार का उल्लेख मिलता है।
- इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin intolerance) - PCOD में एक बड़ी समस्या इंसुलिन प्रतिरोध है, जिसमें शरीर इंसुलिन हार्मोन के प्रति संवेदनशील नहीं रह जाता। इस वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित नहीं रहता और वजन तेजी से बढ़ता है। यह स्थिति टाइप 2 डायबिटीज की तरफ बढ़ा सकती है। इंसुलिन प्रतिरोध हार्मोनल असंतुलन को और बिगाड़ता है, जिससे पीरियड्स और ओव्यूलेशन प्रभावित होते हैं। इसके इलाज में संतुलित आहार, लो-कार्ब डाइट, नियमित एक्सरसाइज और यूनानी औषधियाँ काफी मददगार साबित होती हैं। समय रहते इस स्थिति को नियंत्रित करना जरूरी है, ताकि आगे चलकर गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।
PCOD के लिए घरेलु उपचार
निर्गुंडी - निर्गुंडी यूनानी चिकित्सा में पीसीओडी में इस्तेमाल होने वाली एक मशहूर जड़ी बूटी है, जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं। यह शरीर के इंसुलिन प्रतिरोध के खिलाफ कार्य करता है, एण्ड्रोजन के स्तर को कम करता है, और बैलेंस करता है। इसलिए, PCOS से पीड़ित महिलाओं पर इसका बहुत अच्छा असर होता है।
अलसी का बीज - अलसी के बीजों में में एण्ड्रोजन को बैलेंस करने का काम करता है और पीसीओडी में बहुत ही लाभदायक होता है। यह पीसीओएस के लक्षणों को कम करने मदद करता हैं, जैसे शरीर के बालों का ज़्यादा हो जाना । यह वजन कम करने में मदद करता है। अलसी को आप अपने रोज़ाना के खाने में शामिल कर सकते है या, रोज़ एक चम्मच पानी में साथ ले सकते हैं I
मुलेठी - PCOS के लिए मुलेठी का इस्तेमाल बहुत पुराने ज़माने से हो रहा है, इसके लिए उबले हुए पानी में 1 इंच सूखा मुलेठी की जड़ (या आधा चम्मच मुलेठी पाउडर) डालें, 10 मिनट के लिए छोड़ दें, छान लें। इस पानी को दिन में 2-3 बार पियें क्योंकि यह पीसीओएस के लिए एक प्रभावी घरेलू उपचार के रूप में काम करता है, और धीरे धीरे इसको जड़ से ख़तम कर देता है
NOTE:
अगर वक़्त रहते अनियंत्रित PCOD का इलाज नहीं किया गया तो इससे दूसरी कम्प्लीकेशन या समस्या पैदा हो सकती हैं जैसे -
- गर्भधारण करने में कठिनाई I
- टाइप 2 डायबिटीज हो सकता है I
- PCOS के रोगी जो गर्भवती हो जाते हैं, उनमें गर्भकालीन मधुमेह और प्री-एक्लेमप्सिया जैसी - प्रसवकालीन जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।
- इसके अलावा, उन्होंने एंडोमेट्रियल कैंसर के होने का खतरा बढ़ जाता है।
- दूसरी परेशानिया जैसे की में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि, उच्च रक्तचाप और यहां तक कि स्तन कैंसर भी शामिल हैं।
हर्बल दवाई/Herbal medicine पीसीओडी -
1- माजुन मुकावी रहम - इसमें मुलैठी (liquorice) होती है और इसमें फाइटोहॉर्मोन (phytohormone) होते हैं, जो हॉर्मोनल संतुलन को बनाए रखते हुए मासिक धर्म सही से आये हैं।
2- अर्क मको - एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants), डिटॉक्सिफाइंग (detoxifying) और गुण।
निष्कर्ष:
अनियंत्रित PCOD औरतों के लिए परेशानी की वजह बन गयी है, इससे लक्षण जैसे मोटापा, चेहरे पे अनचाहे बाल, होर्मोनेस का इम्बैलेंस, चिचिड़ापन बढ़ने लगता है, लोग इसके इलाज के लिए एलॉपथी डॉक्टर्स के चक्कर लगते हैं, लकिन इसका सही इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव, और सही खान-पान से ठीक हो जाता है, यहाँ कुछ घरेलु नुस्खे बताये गए हैं, और यूनानी दवाइयां जो PCOD को जड़ से ख़तम कर देंगी l