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Published 11-10-2022

प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए ।

SEXUAL WELLNESS

प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए ।

Dr. Asfiya Najmi

A graduate from Hamdard University, Dr Asfiya is dedicated to providing natural treatments and comfort to every patient through her extensive knowledge and experience. In addition to medical practice, she has a passion for playing volleyball and chess.

गर्भावस्था किसी शादीशुदा जोड़े के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह एक नए जीवन का आगमन होता है और परिवार में समृद्धि और खुशी का आधार बनता है। यहां कुछ मुख्य कारण और उपाय दिए गए हैं:

प्रेगनेंसी का शादीशुदा जोड़े के लिए महत्व -

1- परिवार की वृद्धि: गर्भस्थ से एक नए परिवार का वृद्धि होती है, जो परिवार के सदस्यों के बीच एक प्यारा,  गहरा और अनोखा रिश्ता बनता है।

2- सम्पूर्ण परिवार: बच्चे के जन्म परिवार में नई खुशियाँ और समृद्धि लाता है और परिवार के सदस्यों के बीच एक मजबूत रिश्ता बनता है।

3- नासमझी दूर होती है : बच्चे का जन्म नासमझी और पारिवारिक आंतरिक कलेश को दूर करता है और परिवार में प्रेम और सम्मान का माहौल बनता है।

4- परम्परा का आगे बढ़ना: बच्चे का जन्म परम्परा को आगे बढ़ने का अवसर देता है और परिवार को आगे बढ़ने की दिशा में नई ऊर्जा प्रदान करता है।

ये भी पढ़े : गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण ।

गर्भवती औरत को अपना ध्यान रखने के तरीके:

1- सही आहार: गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार लेना चाहिए, जो उनके और उनके बच्चों के स्वास्थ्य विकास के लिए महत्वपूर्ण है। पोश्तिक आहार में फल, सब्जी, दाल, अनाज, दूध, और दूध से बनी चीजें शामिल होनी चाहिए।

2- नियामित व्यायाम: नियामित रूप से व्यायाम करना, जैसे कि योग, प्राणायाम, घूमना, और प्रसव पूर्व व्यायाम, महिला के शरीर को तंदुरुस्त रखा है और प्रसाद के समय की तैयारी करता है।

3- डॉक्टर की सलाह: नियामित प्रसवपूर्व जांच के लिए डॉक्टर से संपर्क में रहना जरूरी है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार प्रसव पूर्व विटामिन और दवाइयों का सेवन करना चाहिए।

4- तनाव से दूर रहना: तनाव और चिंता से दूर रहना बहुत महत्वपूर्ण है। ध्यान, गहरी साँस लेने के व्यायाम, और विश्राम तकनीकों का अभ्यास करके तनाव कम किया जा सकता है।

5- अच्छी नींद : गर्भवती महिलाओ को प्रति दिन कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए। ये उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

6- जल: रोजना पानी का प्रमाण बढ़ाना चाहिए। प्रसव के समय और भी अधिक पानी पीना चाहिए।

7- साथी का समर्थन: साथी का समर्थन और सहयोग होना बहुत महत्वपूर्ण है। पति को भी महिला का पूरा  ध्यान, प्यार, सहयोग और समर्थन देना चाहिए।

8- प्रसव सम्बन्धी तैयारी: प्रसवपूर्व योग की कक्षाओं में भाग लेना, प्रसव  के लिए सही तरीके को सीखना और उसकी तैयारी करना, और सही मार्गदर्शन लेना महत्वपूर्ण है।

प्रेगनेंसी में कितना समय तक सेक्स करना सुरक्षित होता है ?

गर्भावस्था के दौरान सेक्स करना एक सामान्य प्रश्न है और अक्सर लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं कि ये कितना सुरक्षित है और कितना समय तक किया जा सकता है। हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए परामर्श के आधार पर ही किसी भी समय तक किया गया सेक्स सुरक्षित हो सकता है।

यहां कुछ मुख्य कारण और दिशानिर्देश दिए गए हैं:

1. प्रारंभिक गर्भावस्था (पहला 3 माहीन): पहली तिमाही में (पहले 3 महीने) सेक्स करने से बचना चाहिए, खास बात यह है कि अगर किसी महिला को गर्भपात हो जाए या अन्य परेशानी होने का डर रहता है। कुछ महिलाएं पहले 3 महीनों में मतली, उल्टी और थकन जैसे लक्षण से बहुत गर्म होती हैं, जिसका उनका सेक्स करने में दिलचस्पी कम हो सकता है।

2. मध्य गर्भावस्था (चौथे से छठे महीने): मध्य तिमाही (चौथी से लेकर छठी माह तक) में, महिलाएं आम तौर पर आरामदायक महसूस करती हैं और सेक्स करने में रुचि रखती हैं। इस समय तक सेक्स करने से गर्भाशय और बच्चे के लिए कोई खतरा नहीं होता है, लेकिन अगर किसी भी तरह की जटिलता, हेल्थ कंडीशन या परेशानी है तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

3. लेट प्रेगनेंसी  (सातवें महीने से आगे): आखिरी तिमाही में (7वीं महीने से लेकर डिलीवरी तक), सेक्स बिलकुल नहीं करना चाहिए और अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आखिरी तिमाही में सेक्स करने से कई महिलाएं असहज महसूस करती हैं, क्योंकि उनका पेट बड़ा हो जाता है और उन्हें नींद की, ब्लड प्रेशर, उल्टी, पेट दर्द, कमर दर्द जैसी समस्या हो सकती है।

कुछ अतिरिक्त बिंदु:

  • गर्भावस्था के दौरान, कुछ महिलाएँ सेक्स करने में रुचि कम महसुस करती हैं, तो ये आपकी समझदारी और महिला की इच्छा पर निर्भर करता है।
  • अगर किसी को भी समय सेक्स करने में कोई दर्द या अन्य समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • अगर किसी महिला को समय से पहले प्रसव पीड़ा हो या कोई उच्च जोखिम वाली स्थिति हो, तो सेक्स करने से पहले उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

ये भी पढ़े : गर्भावस्था के नौ माह की डाइट और लाइफस्टाइल : Diet & Lifestyle in Pregnancy

निष्कर्ष:

गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने की सुरक्षा और समय सीमा तक इस्का अनुमति देना एक महिला का व्यक्तिगत निर्णय है, जो हर महिला के शरीर और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। ये महिला के शरीर के विकास के साथ-साथ उसके सुख और समृद्धि पर भी प्रभाव डालता है। महिला को चाहिए कि वो अपने शरीर के लक्षणों को ध्यान में रखे और किसी भी समय उन्हें असुविधा हो या दर्द महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। महिला को अपने पार्टनर के साथ होना चाहिए और दोनों को एक दूसरे की भावनाएं और जरूरत को समझना चाहिए। इस प्रकार, गर्भावस्था के दौरान सेक्स एक स्वस्थ और सुखद अनुभव हो सकता है, लेकिन ये हर व्यक्ति के लिए अलग होता है और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। ये ब्लॉग आपको जानकारी देने के लिए है किसी भी तरह की सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है इसलिए आज ही www.healthybazar.com पर डॉक्टर्स से बात करे और परामर्श ले ।

Last Updated: Apr 23, 2024

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