Published 20-10-2022
MALE SEXUAL HEALTH, SEXUAL WEAKNESS, PREMATURE EJACULATION
यौन रोग या यौन संचारित रोग (STD) ऐसी बीमारियां हैं जो एक व्यक्ति से शुरू होकर दूसरे व्यक्ति में यौन संपर्क के माध्यम से फैलती हैं। आयुर्वेद द्वारा यौन रोग STD के कारणों को समझते हैं। कुछ प्रमुख कारण रोगाणुओ (germs), बैक्टीरिया, परजीवी (parasite), खमीर (yeast) और संक्रमण हैं।
अधिकांश एसटीडी दो लोगों को प्रभावित करते हैं, फिर भी ज्यादातर मामलों में, उनके कारण होने वाली समस्याएं महिलाओं के लिए गंभीर हो सकती हैं। यदि गर्भवती महिला को एसटीडी है, तो यह शिशु के लिए वास्तविक समस्याएं पैदा कर सकता है। एंटीबायोटिक्स सूक्ष्म जीवो (Bacterias), खमीर (Yeast) या परजीवियों (Parasite) द्वारा लाए गए एसटीडी का इलाज कर सकते हैं।
युवा लोगों में उनके विस्तारित(extended guideline) होने के पीछे कई कारण हैं। जिन लोगों के पास इस विषय पर कम जानकारी है वो इस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैै, इस बीमारी के मुख्य लक्षण नियमित रूप से इतने मामूली होते हैं कि उन पर किसी का ध्यान नहीं जाता। सेक्सोलॉजिस्ट बताते हैं कि यौन रोग बहुत खतरनाक और दुर्बल करने वाले होते हैं। लेकिन सबसे आम उपदंश (syphilis) और सूजाक (gonorrhoea) हैं जोे आम तौर पर यौन संपर्क के माध्यम से फैलते हैं
आयुर्वेदिक द्वारा यौन रोगों के उपचार के शोध के अनुसार, युवा अक्सर प्रभावित होते हैं। आप इससे किसी ऐसे व्यक्ति के साथजो पहले ही इससे संक्रमित है उनके साथ असुरक्षित योनि, गुदा या मुख मैथुन करके संक्रमित हो सकते हैं शुरुआती रूप में यह कोई संकेत नहीं दिखाता है। पर फिर भी इसके कुछ लक्षण इसे पहचानने में मदद करते है, जैस -
संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए यह दृढ़ता से अनुशंसा की जाती है, कि संभोग से पहले मूत्राशय (Urinary bladder) को खाली कर दिया जाए और जननांगों को सेक्स के पहले और बाद में अच्छी तरह से साफ किया जाए। बाद में खूब पानी पीकर सिस्टम को फ्लश करने की भी सलाह दी जाती है।
यौन संचारित रोगों के लिए आयुर्वेदिक उपचार कुछ बहुत ही प्रभावी दवाओं का उपयोग करता है जो न केवल मूत्रवर्धक (diuretic) हैं, बल्कि एंटी-बैक्टीरियल भी हैं और सिस्टम को क्षारीय (alkaline) करने, पोटेशियम के स्तर को बढ़ाने और टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों काफी असरदार साबित भी होते है, जैसे: तरबूज, शतावरी, गाजर, चुकंदर, अजवाइन और हरे सेब का रस सभी संक्रमण की संभावना को कम करने में मदद करते हैं, इसमें करेला भी उपयोगी है।
आयुर्वेदिक उपचार में उपयोग की जाने वाली कुछ दवाएं वही हैं जो पौरुष (masculine) को बढ़ाती हैं।रोकथाम के लिए आगे के कदमों में आयुर्वेदिक तेलों और क्रीमों का उपयोग शामिल है। संक्रमण होने पर योग अभ्यास की सिफारिश नहीं की जाती है क्योंकि यह एसटीडी के लक्षणों में वृद्धि का कारण बन सकता है।
World Health Organization के अनुसार, हर दिन 1 मिलियन से अधिक एसटीआई प्राप्त होते हैं। संदिग्ध एसटीडी की जांच प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से की जानी चाहिए, लेकिन समस्या से दीर्घकालिक राहत प्रदान करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार निर्धारित है, और यह केवल शरीर के दोषों के सही संतुलन के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। HealthyBazar में डॉ. शक्ति भूषण से जुड़ें। उनकी विशेषज्ञता में शामिल हैं- पुरुष यौन रोग, पुरुष बांझपन, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों का इलाज करना। डॉ. भूषण से जुड़ें और बेहतर और आत्मविश्वास से जिएं।