Published 31-01-2023
MALE SEXUAL HEALTH
शुक्राणुओं की कम संख्या के अलग-अलग कारण हो सकते हैं और अधिकांश पुरुषों को यह भी पता नहीं होता है कि उनकी कुछ गलत आदतें इस समस्या का कारण बन सकती हैं। शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए हर्बल सप्लीमेंट्स या ayurvedic उपचार लेकर इस स्थिति में सुधार किया जा सकता है।
एक आदमी आमतौर पर प्रत्येक स्खलन (Ejaculation) में लगभग 40 मिलियन शुक्राण (Sperms) निकलता है। यदि शुक्राणुओं की संख्या इससे कम है, तो प्रजनन (Reproduction ) से जुडी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसे कई कारक हैं जो शुक्राणुओं की संख्या कम कर सकते हैं और यह पुरुषों में बांझपन का मुख्य कारण बनता है। पुरुष प्रजनन संबंधी समस्याएं ठीक करन करने के लिए हर्बल सप्लीमेंट और उपचार सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। साथ ही शुक्राणुओं की कम संख्या ya शुक्राणु की खराब गुणवत्ता (Quality) या दोनों, महिलाओं में गर्भवती होने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
1- कम शुक्राणु का बनना
कम शुक्राणुओं की संख्या के कई कारण हो सकते है, जैसे अवांछित टेस्टिकल्स (un descended testicles ), अनुवांशिक दोष (genetic defects) या बार-बार संक्रमण (repeated infections) का होना। कम शुक्राणुओं की संख्या आनुवंशिक रूप से वंशानुक्रम ( genetically inheritance) से भी प्रभावित हो सकती है और उस स्थिति में, कारण को समाप्त करने के लिए आप बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं। स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए हर्बल सप्लीमेंट्स, या आयुर्वेदिक उपचार लेने से ही इस स्थिति में सुधार हो सकता है।
2- शुक्राणु के निषेचन (Fertilization) मे समस्या
कुछ यौन समस्याएं जैसे शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) या दर्दनाक संभोग (painful intercourse), स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे प्रतिगामी स्खलन (retrograde ejaculation) और कुछ आनुवंशिक रोग, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस शुक्राणु को महिलाओ की योनि में जा कर रिप्रोडक्शन करने से रोकते हैं।
3- सामान्य स्वास्थ्य गलत जीवनशैली और भोजन
सामान्य स्वास्थ्य और गलत जीवनशैली और भोजन के कारण जैसे कि खराब पोषण, मोटापा, शराब, तम्बाकू और नशीली दवाओं के उपयोग के साथ-साथ निरंतर तनाव में रहना भी शुक्राणु की कमी का मुख्या कारण होता है
आयुर्वेद में उचित आहार और नियमित जीवन शैली के साथ विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों, और पंचकर्म उपचार हैं, जो इस तरह से कराया करते हैं -
पंचकर्म के साथ इलाज शुरू करना हमेशा सबसे अच्छा होता है। प्राचीन समय में, जड़ी-बूटियों का उपयोग मनुष्य की प्रजनन (Reproduction) की परेशानियों और बीमारियों को ठीक करने और गर्भ धारण करने की संभावना बढ़ाने के लिए किया जाता था। आजकल, भले ही चिकित्सा मॉडर्न तकनीक में की जाती है, फिर भी हमारे ऋषि मुनियों और आयुर्वेद का ज्ञान कई मामलों में सबसे अच्छा विकल्प है। अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा), मुशाली (कर्कुलिगो ऑर्कियोइड्स), कपिकच्छू (म्यूकुना प्र्यूरीन्स), शिलाजीत और कई अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स जैसी जड़ी-बूटियाँ जिनका उपयोग पुरुषों में कम शुक्राणुओं की संख्या के उपचार के लिए किया जा सकता है।
अश्वगंधा, आमलकी और गुडुची एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे शुक्राणु के कमी को रोका जा सकता है। शतावरी शुक्राणुजनन (Semen production) को बढ़ाती है।
शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने की कोई भी आयुर्वेदिक दवा आप अपनी दिनचर्या में शामिल करें, डॉक्टर की सलाह सबसे ज्यादा जरूरी है। आयुर्वेदिक उपचार और दवाइया एक स्वस्थ जीवन शैली शुक्राणु की गुणवत्ता (Quality), उत्पादन (Production), आकार, आकार और गति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने की कोई भी आयुर्वेदिक दवा आप अपनी दिनचर्या में शामिल करें, डॉक्टर की सलाह सबसे ज्यादा जरूरी है। आयुर्वेदिक उपचार और दवाइया एक स्वस्थ जीवन शैली शुक्राणु की गुणवत्ता (Quality), उत्पादन (Production), आकार, आकार और गति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।