search

Published 17-01-2023

गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण होने वाली गैस्ट्राइटिस का आयुर्वेदिक इलाज।

ACIDITY/GAS, STOMACH, OBESITY

गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण होने वाली गैस्ट्राइटिस का आयुर्वेदिक इलाज।

Dr. Shivani Nautiyal

An Ayurvedic Practitioner and Consultant with a specialization in Panchkarma. My goal is to design an individual treatment plan to help each patient to achieve the best outcome possible. Treats Male and Female Fertility problems, Irregular Menstruation, Leucorrhea, UTI, COPD, Diabetes, Hypertension, Insomnia, Joint Pain, Arthritis, Sciatica, Skin problems, Alopecia, Grey Hairs, Gastric problems and other Lifestyle Disorders with Panchkarma Therapies and Ayurvedic Medicines.

गॉल ब्लैडर स्टोन (Gall-bladder stone) पित्त की गांठ होती है जो पित्ताशय में बनती है, जिसका मुख्य कारण पित्त में कोलेस्ट्रॉल का बहुत अधिक स्तर का बढ़ जाना है। यह गॉल ब्लैडर में अत्यधिक बिलीरुबिन के बढ़ जाने के कारण भी होता है | पित्त की पथरी पित्त के रास्ते को अवरुद्ध कर देती है जिसके माध्यम से पित्त यकृत (Liver) से गॉल ब्लैडर में ले जाया जाता है | गॉल ब्लैडर की पथरी आकार में अलग-अलग होती है। वे रेत के एक दाने या पत्थर के छोटे टूकड़े के आकार के भी हो सकते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में पित्त पथरी विकसित होने की संभावना अधिक होती है। यहां हम पित्ताशय की पथरी को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा और उपचार पर चर्चा करते हैं।  

 

पित्त पथरी के सबसे सामान्य कारण

यहां हम पित्त पथरी की समस्या के पीछे के कारण को बता रहे हैं। खासकर महिलाओं में पित्त पथरी पैदा करने वाले कई कारण है -

1- गर्भाधान-विरोधी दवा (anti-conception pills) की गोलियों का सेवन, गर्भावस्था के लिए हार्मोनल उपचार।

2- बहुत ज़्यादा उपवास करना।

3- गॉल ब्लैडर में किसी प्रकार की खराबी।

4- उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर।

5- गॉल ब्लैडर में पथरी तब बनती है जब यकृत (Liver) द्वारा छोड़े गए पित्त में अत्यधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है। यह पित्त सामान्य रूप से कोलेस्ट्रॉल को अलग करता है और यकृत और शरीर के अन्य अंगों के सामान्य कामकाज में मदद करता है।

6- बिलीरुबिन: बिलीरुबिन एक पदार्थ है जो तब बनता है जब आपका लीवर पुराने लाल प्लेटलेट्स को नष्ट कर देता है। कुछ स्थितियां, जैसे लिवर का सिरोसिस और रक्त की कुछ बीमारियाँ जो लिवर को जितना चाहिए उससे अधिक बिलीरुबिन बनाने का कारण बनती हैं। इससे पित्त की पथरी हो सकती है।

7- पित्त: आपके गॉल ब्लैडर को स्वस्थ होने के लिए पित्त को बाहर निकालने की जरूरत होती है। यदि यह अपनी पित्त की मात्रा को किसी कारण से बाहर नहीं निकाल पता है तो पित्त अत्यधिक गाढ़ा हो जाता है जिसके कारण पथरी बन जाती है।

8- वजन: अधिक वजन होना भी गॉल ब्लैडर की पथरी  का कारण बन सकता है | जिन लोगों को मोटापा होता है उनके पित्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक हो सकता है, जो गॉल ब्लैडर स्टोन का कारण बन सकता है।

  

गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण

1- बुखार

2- आपकी त्वचा या आंखों का पीले रंग का हो जाना

3- भूख ना लगना या बहुत कम भूख लगना

4- मिट्टी के रंग का मल

5- आपके पेट के दाहिने हिस्से में दर्द

6- जी मचलना

7- उल्टी करना

8- अन्य पाचन संबंधी समस्याएं का हो जाना

9- पेट में इन्फेक्शन के लक्षण जैसे लगना

10- गैस्ट्रिक समस्या का बढ़ जाना

 

आयुर्वेद में गॉल ब्लैडर स्टोन को कैसे ठीक कर सकते हैं ?

 

आयुर्वेद केवल लक्षणों का इलाज करने के बजाय गॉल ब्लैडर स्टोन के मूल कारण तक पहुँचती है। लक्षणों के इलाज के अलावा, आयुर्वेदिक उपचार आपके पूरे स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। गॉल ब्लैडर स्टोन को हटाने के लिए विभिन्न आयुर्वेदिक उपचार हैं -

1- आहार: पित्त की पथरी की समस्या को रोकने के लिए अच्छे आहार का पालन करना प्रमुख उपायों में से एक है। एक संतुलित आहार लें जिसमें भरपूर मात्रा में फल और सब्जियाँ हों; ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें जिनमें बहुत ज़्यादा वसा (Fat) हो।

2- व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करने से आपके वजन को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है। कार्डियो एक्सरसाइज जैसे तैरना और दौड़ना आपके दिल और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं। याद रखें कि मोटापा पित्ताशय की पथरी का मुख्या कारण है।

3- मधुमेह को नियंत्रण में रखें: यदि आप मधुमेह रोगी हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका रक्त शर्करा (Blood  Glucose) का स्तर नियंत्रण में रहे। बढे हुए रक्त शर्करा का स्तर रक्त में उच्च वसा के स्तर का कारण बन सकता है जिसके परिणामस्वरूप पित्त पथरी हो सकती है।

4- तनाव को सीमित करें: पित्त पथरी के निर्माण के लिए तनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कारण हो सकता है। इसलिए प्रभावी तरीके से तनाव से निपटने के लिए ध्यान और प्राणायाम जैसी तकनीकों का अभ्यास करें।

 5- टेबल सॉल्ट उपाय: नाश्ते से पहले, खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सैंधव लवण (Rock salt) या साधारण टेबल सॉल्ट लें। इसे पीने के बाद करीब 45 मिनट तक दाहिनी करवट लेटे रहें। ऐसा हफ्ते में एक या दो बार करें।

6- अरंडी का तेल: गॉल ब्लैडर की जगह पेट पर अरंडी के तेल का पैक लगाएं।

 

 

आयुर्वेदिक दवाइयाँ  

 

पित्ताशय की पथरी को दूर करने के लिए विभिन्न आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग किया जाता है और कुछ विशिष्ट आयुर्वेदिक उपचार जैसे -

Shankhvati,

Sutshekhar ras,

Prawal Panchamrit Ras  

Avipatta churna

आमतौर पर पित्ताशय की पथरी को तोड़ने के लिए इस्तमाल किए जाते हैं। आयुर्वेदिक उपचार की अवधि और इन आयुर्वेदिक दवाओं की खुराक पित्त पथरी की स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करती है। यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप हमारे  website www.healthybazar.com पर डॉक्टर्स से परामर्श ले सकते हैं।

Last Updated: Jan 18, 2023

Related Articles

Stomach Ache , Acidity/Gas , Stomach

पेट में गैस बनने से क्या परेशानी होती है?

Acidity/Gas

गैस के लिए पतंजलि दवा का उपयोग करने के 5 प्रभावी तरीके ।

Related Products

Abhyanga Naturals

Cheeta Churan

0 star
(0)

₹ 70

Baidyanath

Shankh Bati

0 star
(0)

Shankh Bati is useful in treating digestive system problems. Acts as carminative, stomachache. Indicated in indigestion, intestinal colic.

₹ 71

Baidyanath

Hingvastak Churan

0 star
(0)

Effective in Pain abdomen, loss of appetite, indigestion, flatulence, constipation, and loss of taste.

₹ 60