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Published 14-09-2022

गैस के लिए पतंजलि दवा का उपयोग करने के 5 प्रभावी तरीके ।

ACIDITY/GAS

गैस के लिए पतंजलि दवा का उपयोग करने के 5 प्रभावी तरीके ।

Dr. Shivani Nautiyal

Dr. Shivani Nautiyal is a renowned Ayurvedic physician, Panchakarma therapies specialist, and detox expert who has made significant contributions to the field of natural holistic healing and wellness. With her profound knowledge, expertise, and compassionate approach, she has transformed the lives of countless individuals seeking holistic health solutions. She is a Panchakarma expert, which are ancient detoxification and rejuvenation techniques. She believes in the power of Ayurveda to restore balance and harmony to the body, mind, and spirit.

गैस की समस्या को "पेट फूलना" या "flatulence" कहते हैं। पेट में बनने वाली ये गैस अधिक वात दोष की वजह से होती है, जो पेट के अंदर बनती है और बाहर निकलती है। इसका प्रकार और प्रभाव महिलाओं और पुरूषों दोनों में थोड़ा अलग अलग हो सकता है। महिलाओ में, गैस की समस्या मासिक धर्म के दौरन या गर्भावस्था के समय अधिक हो सकती है। हार्मोनल परिवर्तन और पीएमएस के लक्षण भी इससे जुड़े हुए हैं। पुरुषो में, आहार और जीवनशैली के कारण गैस की समस्या अधिक होती है। ज्यादा ताला हुआ भोजन, फास्ट फूड का सेवन, तथा तनाव गैस की समस्या का मुख्य कारण हो सकता है। गैस की समस्या महिलाओ और पुरुषो दोनों को परेशान कर सकती है, लेकिन इसका प्रभाव और लक्षण दोनों  में थोड़ा भिन्न हो सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको पतंजलि गैस की दवा को उपयोग करने के कुछ प्रभावी तरीके बताएंगे और साथ ही गैस्ट्रिक समस्या का कारण और इसे कैसे ठीक कर सकते है -

गैस के आयुर्वेदिक कारण और लक्षण

आयुर्वेद के अनुसर, गैस की समस्या के कारण और लक्षण के कारण जुड़े हुए हैं। नीचे कुछ मुख्य कारण और लक्षण दिए गए हैं:

कारण

1. अग्नि मन्दता: आयुर्वेद में, जठराग्नि (पाचन अग्नि) का मन गैस की समस्या का मुख्य कारण बनता है। अगर जठराग्नि मंद हो या कमजोर हो तो भोजन का गलाना सामान्य समय पर ठीक से नहीं होता, जिस कारण  गैस की समस्या उत्पन्न होती है।

2. विरुद्ध आहार: आयुर्वेद में, विरुद्ध आहार का सेवन करने से गैस की समस्या हो सकती है। विरुद्ध आहार का सेवन, जैसे कि दूध और दही को साथ में लेना या फल को भोजन के साथ खाना, जठराग्नि को परेशान कर सकता है और गैस उत्पन्न कर सकता है।

3. अजीर्ण :  अजीर्ण (Indigested ) या पूरी तरह से नहीं पका हुआ भोजन से गैस की समस्या हो सकती है। अगर भोजन का पचन ठीक से नहीं होता, तो वायु पेट में बंद हो जाती है और गैस उत्पन्न होती है।

4. मानसिक तनाव : आयुर्वेद के अनुसार, मानसिक तनाव या चिंता भी गैस की समस्या का कारण हो सकता है। तनाव के समय शरीर में वात दोष बढ़ जाता है जिस वजह से गैस की समस्या को बढ़ा सकता है।

ये भी पढ़े : इन आयुर्वेदिक औषधियों से ठीक करें गैस । 

लक्षण

1- पेट में दर्द: गैस की समस्या के कारण पेट में दर्द और भारीपन महसूस होता है। पेट में गैस का भरा होना और दर्द या दबाव का अनुभव करना एक आम लक्षण है।

2 - हवा का निकलना: गैस की समस्या के लक्षण में हवा का निकलना (पेट फूलना) भी शामिल होता है। पेट से हवा का निकलना, या पादना भी कहा जाता है, एक प्रमुख लक्षण है।

3- बदबू का होना : गैस के साथ बदबू का आना भी एक आम लक्षण है। गैस की समस्या के कारण, पेट से आने वाली हवा में कई बार विशेष बदबू आती है।

4- एसिडिटी और अम्लपान: गैस की समस्या के साथ-साथ एसिडिटी और अम्लपान (सीने में जलन) भी हो सकता है। पेट में जलन या तेज़ अमलपन का अनुभव करना, उल्टी जैस महसूस होना भी गैस के लक्षण में शामिल है।

 

गैस के लिए पतंजलि की दवाइयाँ और उनके फायदे

1- पतंजलि दिव्य गैसहर चूर्ण: ये चूर्ण पेट में बनी हुई गैस को दूर करने में मदद करता है। इसमें विशेष हर्ब्स  का मिश्रण है जो पेट की गैस, एसिडिटी और अम्लपान को कम करता है। इसका नियमित सेवन पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

2- पतंजलि पचाक हींग गोली: हींग का उपयोग पेट की गैस और एसिडिटी के लिए उपयोगी है। पाचक हींग गोली हींग के साथ अन्य जड़ी बूटी का मिश्रण है, जो पेट की गैस को दूर करने में मदद करता है और पचन तंत्र को मजबूत करता है।

3- पतंजलि लवण भास्कर चूर्ण : यह एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चूर्ण है जो पेट की समस्याओं, जैसे गैस, एसिडिटी, कब्ज और पेट दर्द को दूर करने में मदद करता है। ये चूर्ण पेट में जमा हुई वात दोष को निकालने में मदद करता है और पचन तंत्र को ठीक करता है।

4- दिव्य असिडोग्रिट : इस चूर्ण का सेवन पेट में बनी हुई गैस को दूर करने में भी मदद मिलती है जिस से  गैस की समस्या में आराम मिलता है। एसिडोग्रिट चूर्ण पेट दर्द को भी दूर करने में सहायक होता है।

5- दिव्य उद्रामृत वटी : ये एसिडिटी और अम्लपित्त (सीने में जलन) के लक्षणों को कम करती है और पेट में जलन या तेज़ दर्द को दूर करती है। इस दावा का नियमित सेवन करने से पचन तंत्र मजबूत होता है और भोजन का ठीक से पचान होने में मदद करता है।

6- पतंजलि दिव्य चूर्ण : इस चूर्ण का सेवन करने से पेट की सफाई होती है और पेट से जुडी सभी समस्याओं में सुधार आता है। दिव्य चूर्ण एसिडिटी और अम्लपित्त (सीने में जलन) के लक्षणों को कम करता है और पेट में जलन या तेज गैस को दूर करता है।

ये भी पढ़े : पेट में गैस बनने से क्या परेशानी होती है?

निष्कर्ष

पतंजलि की सभी आयुर्वेदिक दवाइयां पेट के विकार, जैसे गैस, कब्ज़, एसिडिटी, और अन्य पाचन समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। पतंजलि की दवाइयों का नियमित और चिकित्सक की सलाह से सेवन करने से पेट की सफाई होती है और पेट मे जमा गैस निकल जाती है और हवा का निकलना भी आसान हो जाता है। ये पचन तंत्र को मजबूत करती है और पेट दर्द, कब्ज़, एसिडिटी, और अम्लपित्त जैसे समस्याओं का समाधान करता है। स्वस्थ जीवन शैली और सही आहार के साथ-साथ इस दवा का उपयोग करके व्यक्ति स्वस्थ्य के विकास को सुनिश्चित कर सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सलाह लेना उचित है, किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले इसलिए यदि आपको इसके बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो आप इस के लिए हमारे Healthybazar की साइट पे डॉक्टर्स से जानकारी प्राप्त कर सकते है।

Last Updated: Apr 23, 2024

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