उपवास तब होता है जब आप एक निश्चित समय के लिए कुछ भी नहीं खाते या पीते हैं। आपके धर्म के आधार पर, यह साल के कुछ खास दिनों के लिए या लम्बे समय के लिए हो सकता है। उपवास दुनिया के कई धर्मों की एक विशेषता है, जैसे कि हिन्दू , इस्लाम और ईसाई धर्म। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान क्या आप उपवासर कर सकते या नहीं ये एक बड़ा प्रश्न है , वैसे तो कई पीढ़ियों से इसका अभ्यास किया जाता रहा है, लेकिन ये सही है या गलत ? ये जानना बहुत जरुरी है, आईये जानते है की उपवास का गर्भवती महिलाओ के लिए क्या महत्व है।
भारत में संस्कृतियों और त्योहारों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें उपवास और पूजा करना मुख्य रूप से शामिल हैं। हिंदुओं में नवरात्रि सबसे आम उपवासों में से एक है जिसे बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता है। गर्भवती माताओं को लंबे समय तक उपवास रखने की अनुमति नहीं है क्योंकि इससे बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है।
मुस्लिम महिलाये जो रमजान के महीने में गर्भवती है, या स्तनपान करा रही है, उन्हें उपवास करने से मना किया गया है। हालांकि, अगर वह स्वस्थ महसूस कर रही है, तो वह उपवास करना चुन सकती है।
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली ईसाइ महिलाओ को बुधवार और गुड फ्राइडे के उपवास में छूट दी गई है। लेकिन वह उपवास कर सकते हैं अगर वे स्वस्थ हैं और ऐसा करना चाहते हैं।
उपवास करने से पहले सभी महिलाओ को अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और सलाह लेनी चाहिए की क्या वह उपवास करने के लिए स्वस्थ है या नहीं, और उनकी सलाह के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए
मां के गर्भ में पल रहा जीवन उसी पर निर्भर है। मां भूखी रहेगी तो बच्चा भी भूखा रहेगा। मां अगर पौष्टिक आहार लेंगी तो बच्चा भी स्वस्थ रहेगा। यदि आप अपनी गर्भावस्था के दौरान उपवास कर रही हैं, तो स्वास्थ्य संबंधी किसी भी खतरे को रोकने के लिए निम्नलिखित युक्तियों को ध्यान में रखें।
1- अपना उपवास शुरू करने और समाप्त करने के बाद खूब पानी पिएं, यदि यह निर्जल उपवास है।
2- एक अच्छा और सम्पूर्ण भोजन के साथ अपना उपवास तोड़ें जिसमें पोस्टिक आहार शामिल हो | पूरी तरह से खाना छोड़ने के बजाय आप वह खाना खा सकते हैं जो व्रत के दौरान खाने की अनुमति है जैसे फल, दूध, मूंगफली आदि।
3- अगर आप अपने व्रत के दौरान बेहद कमजोर महसूस कर रही हैं तो इसे तोड़ने में संकोच न करें। अपना उपवास शुरू करने से पहले अच्छा भोजन खाने की कोशिश करें।
4- उपवास के दौरान उन गतिविधियों या कामों से बचें जो आपको शारीरिक रूप से थका देंगी
जबकि गर्भावस्था पर उपवास के प्रभावों पर शोध सीमित है, अध्ययनों से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान उपवास करने से बच्चे के जन्म के वजन पर कोई असर नहीं पड़ता है, अगर आपकी शरीर स्वस्थ है तो आप अपने चिकिस्तक की सलाह के साथ उपवास रख सकते है।
यदि आप स्तनपान करा रही हैं और उपवास करने की सोच रही हैं, तो उपवास से पहले और उसके दौरान यदि संभव हो तो अतिरिक्त तरल पदार्थों (Liquids) का सेवन करें। उपवास के दौरान जितना हो सके शारीरिक गतिविधियों (Physical Work) और गर्मी (Heat) के संपर्क में आने को कम करने की कोशिश करें। स्तनपान कराने के दौरान उपवास करने से आपके बच्चे को कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है, और आप उपवास के दिन हमेशा की तरह स्तनपान करना जारी रख सकती हैं।
आपका बच्चा आपकी जिम्मेदारी है। आपका एक गलत फैसला आपके होने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। आपका बच्चा आपके गर्भ के अंदर विकसित हो रहा है। हालाँकि आप उसे देख नहीं सकते, आप उसे महसूस जरुर कर सकते हैं , इसीलिए अपने बच्चे के विकाश और उसके अच्छे स्वास्थ के लिए कभी-कभी अपने धार्मिक विश्वास का पालन करने के बजाय विशेषज्ञों की बात सुनना ज्यादा बेहतर होता है, क्युकी वो आपके बच्चे के स्वास्थ के लिए ज्यादा जरुरी है |
Dr. Shivani Nautiyal is a renowned Ayurvedic physician, Panchakarma therapies specialist, and detox expert who has made significant contributions to the field of natural holistic healing and wellness. With her profound knowledge, expertise, and compassionate approach, she has transformed the lives of countless individuals seeking holistic health solutions. She is a Panchakarma expert, which are ancient detoxification and rejuvenation techniques. She believes in the power of Ayurveda to restore balance and harmony to the body, mind, and spirit.