Published 29-12-2023
MALE SEXUAL HEALTH
पंचकर्मा एक प्राचीन आयुर्वेदिक थेरेपी है जो शरीर, मन, और आत्मा के संतुलन को सुधारने के लिए विकसित की गई है। इस थेरेपी का जन्म भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से हुआ है और यह बहुत से रोगों के इलाज में सहायक हो सकता है, जिसमें शीघ्र पतन भी शामिल है।
आयुर्वेद के अनुसार, शीघ्र पतन व्यक्ति के शुक्राणुओं का अत्यधिक और असमय स्खलन है, जिससे सेमिनल फ्लूइड बाहर निकलता है। यह बार बार होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और यह आत्मविश्वास को भी प्रभावित कर सकता है। आयुर्वेद में, इस समस्या को 'शीघ्र स्खलन' या 'शीघ्र पतन' कहा जाता है और इसका इलाज पंचकर्मा थेरेपी से किया जा सकता है।
"शीघ्र पतन" एक सामान्य पुरुष यौन समस्या है, जिसमें पुरुष यौन संबंध के दौरान जल्दी ही शुक्राणु निकल जाते हैं। यह समस्या तब हो सकती है जब पुरुष यौन संबंध स्थापित करने में समर्थ नहीं होता है या उसकी नियंत्रण शक्ति कमजोर होती है।
यौन संबंध स्थापित करने में असमर्थता: पुरुष शीघ्र पतन की समस्या से पीड़ित होते हैं और वे यौन संबंध स्थापित करने में समर्थ नहीं होते हैं।
यौन संबंध की अधिक शीघ्रता: यदि पुरुष यौन संबंध के दौरान शीघ्रता से स्खलित हो जाता है, तो यह शीघ्र पतन की समस्या का एक लक्षण हो सकता है।
यौन संबंध की स्थिति पर नियंत्रण की कमी: पुरुष शीघ्र पतन से पीड़ित होने पर यौन संबंध की स्थिति पर नियंत्रण की कमी हो सकती है और वे इसे नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होते हैं।
यौन संबंध में भय या चिंता: शीघ्र पतन के सामने, पुरुष यौन संबंध में भय या चिंता का अहसास कर सकता है, जिससे संबंध ख़राब हो सकता है।
यौन संबंध से पहले ही पतन: यदि यौन संबंध स्थापित करने से पहले ही पुरुष का पतन हो जाता है, तो यह एक और लक्षण हो सकता है।
शीघ्रपतन एक सामान्य सेक्स समस्या है, जिसमें पुरुष अपनी या अपने साथी की संतुष्टि से पहले अपने शारीरिक संगम को समाप्त कर देता है। यह सामान्यत: अत्यधिक संविदानशीलता या मानसिक चिंता, थकान, या नस्ल के किसी समस्या से जुड़ा होता है।
मानसिक चिंता और अवसाद: स्ट्रेस और चिंता के कारण तंत्रिका क्रिया में बदलाव हो सकता है, जिससे शीघ्रपतन हो सकता है।
यौन रोग या संक्रमण: कुछ सामान्य यौन रोग शीघ्रपतन का कारण बन सकते हैं।
हॉर्मोनल असंतुलन: हॉर्मोन का संतुलन नहीं होना भी शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
जेनेटिक समस्याएं: ज्यादा मेन्टल प्रेशर या जेनेटिक समस्याएं भी इस समस्या का कारण बन सकती हैं।
शारीरिक या मानसिक चुनौतियों का अनुभव : कई बार, शारीरिक या मानसिक चुनौतियों का सामना करना भी शीघ्रपतन के कारण बन सकता है।
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1. विरेचन :
इसका उद्देश्य शरीर से विषैले तत्वों को निकालना है। शीघ्र पतन के कारण बने विषैले तत्वों को निकालकर शरीर को साफ करना महत्वपूर्ण है। विरेचन के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का सही सम्बन्ध बनाया जाता है ताकि अशुद्धि निकल सके।
2. वमन :
इस प्रक्रिया में, व्यक्ति को विशेष आयुर्वेदिक औषधियों के साथ उम्मीद से अधिक पानी या औषधियों का फाँट पिलाया जाता है जिससे उसके शरीर से अतिरिक्त तत्वों को बाहर निकाला जा सकता है। यह शरीर के कफ दोष को शमन करने में मदद करता है जो शीघ्र पतन के पीछे एक कारण हो सकता है।
3. नस्य :
नस्या के माध्यम से नसों के माध्यम से औषधि को दिया जाता है। यह विशेष रूप से मस्तिष्क, नाक, और गले के रोगों के लिए प्रभावी है, जो शीघ्र पतन के पीछे मनसिक कारण हो सकते हैं।
4. बस्ति:
इसमें मेडिकेटेड घृत या तैल का उपयोग होता है जो आयुर्वेदिक डॉक्टर के मार्गदर्शन में किया जाता है। यह प्रक्रिया आंतरिक शुद्धि करने में मदद कर सकती है और शीघ्र पतन के लिए एक संतुलित स्वास्थ्य प्रदान कर सकती है।
5. रक्तमोक्ष:
इस प्रक्रिया में, विशेष रूप से प्रमुख रक्त क्षेत्रों से संकुचन होता है। यह शरीर के लिए नीचे बने दोषों को शमन करने में मदद कर सकता है, जिससे शीघ्र पतन की समस्या में सुधार हो सकता है।
पंचकर्मा के साथ-साथ, विशेष रूप से तैयार की गई आयुर्वेदिक औषधियों का भी उपयोग शीघ्र पतन के इलाज में किया जा सकता है। विशेष रूप से कृष्णजीरकादि की चूर्ण, शतावरी और अश्वगंधा की जड़, गोखरू, अमला, शिलाजीत आदि का सेवन किया जा सकता है।
योग:
योग भी शीघ्र पतन के इलाज में सहायक हो सकते हैं। ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से मन को शांत करना और शरीर को सुजीवन बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
पंचकर्मा थेरेपी शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सीधा प्रभाव डाल सकती है, इसलिए इसे केवल प्रशिक्षित और अनुभवी वैद्य के मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए। किसी भी थेरेपी से पहले, व्यक्ति को अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
यहां कुछ आयुर्वेदिक उपाय और दवाएं हैं जो शीघ्र पतन को कम करने में मदद कर सकती हैं:
शीघ्र पतन के लिए आयुर्वेद में कई विभिन्न चिकित्सा और औषधियां प्रदान की जाती हैं।
1. आश्वगंधा (Ashwagandha): आश्वगंधा एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसे शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने के लिए जाना जाता है, जिससे शीघ्र पतन में सुधार हो सकता है।
2. शतावरी (Shatavari): शतावरी एक और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो पुरुषों की सेक्सुअल शक्ति और ताकत को बढ़ाने के लिए सुझाई जाती है। यह शीघ्र पतन को कम करने में मदद कर सकता है।
3. यौवनामृत वती (Yauvanamrit Vati): यह आयुर्वेदिक दवा पुरुषों की सेक्सुअल शक्ति और क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती है और शीघ्र पतन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
4. अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra): यह आसन और मुद्रा आपको योग और प्राणायाम के माध्यम से शीघ्र पतन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं।
5. ब्रह्मी (Brahmi): ब्रह्मी मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे शीघ्र पतन का सामना करना आसान हो सकता है।
नोट : कृपया ध्यान दें कि इन उपायों और दवाओं का उपयोग करने से पहले एक वैद्य से परामर्श करना सुरक्षित होता है, ताकि सही दवा और उपायों का चयन किया जा सके और संभावित दुष्प्रभावों से बचा जा सके।
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पंचकर्मा थेरेपी एक व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान कर सकती है। शीघ्र पतन के इलाज के लिए यह एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा के सिद्धांतों पर आधारित है। तात्कालिक शोध और अनुभव के आधार पर, यह अनुमानित है कि पंचकर्मा शीघ्र पतन के इलाज में सहायक हो सकता है और व्यक्ति को संतुलित और सकारात्मक जीवनशैली की दिशा में मदद कर सकता है।