Published 15-04-2024
OBESITY
भारत में मोटेपे का अनुपात अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकता है। क्योकि भारत के अलग- अलग हिस्सों में लोग अलग-अलग तरह का स्वस्थ व्यंजन खाते हैं, जैसे कि घी, मिठाई, और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ, जो मोटापे की समस्या का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, बदलते जीवन शैली और कम शारीरिक गतिविधि भी मोटापे का कारण है। मोटेपे की समस्या भारत में एक गंभीर समस्या है, और ये चिंता की बात है कि ये तेजी से बढ़ रहा है। बड़े शहरों से लेकर छोटे गांवों तक, मोटेपे की समस्या देखी जा रही है। मोटापे की वजह से कोई भी स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो सकती है, जैसे मधुमेह, दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप और गठिया।
मोटेपे के कारण आयुर्वेद के अनुसार:
1- आहार विहार की अव्यवस्थता: आयुर्वेद के अनुसार, आहार विहार की अव्यवस्थता होना मोटापे का मुख्य कारण है। अस्वस्थ भोजन और अव्यवस्थित जीवन शैली, जैसे अधिक समय तक बैठने की स्थिति में रहना, व्यायाम की कमी, और देर रात तक जागना, वजन बढ़ने का कारण बनता है।
2- मंदाग्नि: मंदाग्नि या कमजोर पाचन अग्नि भी मोटापे का कारण हो सकती है। अगर आहार को सही तरीके से पचाया न जाए, तो वसा वृद्धि होती है और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।
3- आम (टॉक्सिन): आयुर्वेद में माना जाता है कि आम या शरीर में बनने वाले विषैले पदार्थ भी मोटापे का कारण बन सकते हैं। ये अवसर पोषक तत्त्वों को ठीक से अवशोषित करने और बाहर निकलने की क्षमता को कम कर सकता है।
4- वात-पित्त-कफ दोष असंतुलन: अगर वात, पित्त और कफ दोष में असंतुलन होता है, तो ये मोटापा बढ़ता है। जैसे कफ दोष का अधिक होना शरीर में वृद्धि कर सकता है और वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
मोटापे के लक्षण आयुर्वेद के अनुसार:
1- स्थूला (मोटापा): स्थूला, शरीर में भारीपन या वजन का अधिक होना, मोटापे का मुख्य लक्षण है।
2- मंदा अग्नि: अगर आपकी अग्नि मंद है, तो ये मोटेपे का संकेत हो सकता है। मंदाग्नि से पाचन क्रिया कम होती है और वजन बढ़ने का खतरा बढ़ता है।
3- आलस्य (सुस्ती): मोटेपे के साथ अक्सर अलास्या या सुस्ती का अनुभव होता है। व्यक्ति थकान और सुस्ती महसूस करता है।
4- बदहजमी (अपच): अगर आपको अक्सर बदहजमी, गैस, या अपच की समस्या है, तो ये मोटापे का लक्षण हो सकता है।
5- स्नेहा वृद्धि (वसा में वृद्धि): स्नेहा वृद्धि, या शरीर में चर्बी का अधिक होना, भी मोटापे का लक्षण है।
1- नींबू पानी: नींबू पानी एक प्रकार का प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है और वजन घटाने में मदद करता है। इसमें विटामिन सी होता है जो मेटाबॉलिज्म को तेज करने में सहायक होता है। गुनगुने पानी में एक नींबू का रस निचोड़ कर सुबह खाली पेट पियें।
2- अदरक का रस: अदरक का रस मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करता है और वजन घटाने में सहायक होता है। एक छम्मच अदरक का रस गुनगुने पानी के साथ लेने से लाभ होता है, विशेष रूप से खाने से एक घंटे पहले।
3- शहद और दालचीनी : शहद और दालचीनी का मिश्रण पेट की चर्बी को काम करने में मदद करता है। एक छम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर रोजाना खाने से पहले लें।
4- मेथी दाना का पानी: मेथी दाना पानी में भीगोकर सुबह खाली पेट पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है। रात को एक छम्मच मेथी दाना को पानी में भीगो कर रखें, और सुबह खाली पेट उस पानी को पियें।
5- करी पत्ता का रस: कड़ी पत्ता का रस मेटाबोलिज्म को तेज करने में सहायक होता है और वजन घटाने में मदद करता है। कड़ी पत्ता के पत्तों को मिक्सर में पीसकर रस निकालें और उसका सेवन करें, विशेष रूप से सुबह खाली पेट।
6- जीरा का पानी: जीरा पानी पीने से पेट की चर्बी कम होती है और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद मिलती है। एक छम्मच जीरा को रात को पानी में भीगो कर रखें, और सुबह खाली पेट उस पानी को पियें।
1- गार्सिनिया कैम्बोजिया: गार्सिनिया कैम्बोजिया (मालाबार इमली) वजन घटने में सहायक होती है। इसमें पाए जाने वाले एचसीए (हाइड्रॉक्सीसिट्रिक एसिड) मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करता है और भूख को काम करने में मदद मिलती है। गार्सिनिया कैम्बोजिया चूर्ण को रोजाना पानी के साथ सेवन करें, विशेष रूप से खाने से एक घंटे पहले।
2- त्रिफला: त्रिफला पेट की सफाई के लिए प्रसिद्ध है और वजन घटाने में भी सहायक है। त्रिफला पेट की सफाई में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में सहायक होते हैं। त्रिफला चूर्ण को रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लें।
3- गुग्गुल: गुग्गुल मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में और वजन घटाने में सहायक है। इसमे पाये जाने वाले रसायनिक तत्व वसा घाटने में मदद करते हैं। गुग्गुल का चूर्ण रोजाना पानी के साथ सेवन करें, विशेष रूप से खाने से एक घंटे पहले।
4- अश्वगंधा: अश्वगंधा शरीर को ताकत प्रदान करती है और वजन घटाने में सहायक होती है। इसमे पेये जेन वाले रसायनिक तत्व मेटाबोलिज्म को तेज़ करने में मदद करते हैं। अश्वगंधा चूर्ण को दूध के साथ सेवन करें, रात को सोने से पहले।
5- त्रिकटु: त्रिकटु चूर्ण अग्नि को बढ़ाता है और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करता है। त्रिकटु चूर्ण को पानी के साथ सेवन करें, विशेष रूप से खाने से एक घंटे पहले।
मोटापे को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खे प्रभावी और सुरक्षित तरीके होते हैं। हमेशा ये याद रखें कि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए किसी भी नुस्खे का प्रयोग शुरू करने से पहले एक वैद्य या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना उचित है। साथ ही, सही आहार और नियम व्यायाम भी वजन घटाने में महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खे का समाधान करके सही दिशा में बदलाव लाया जा सकता है और वजन घटाने की दिशा में सफलता प्राप्त हो सकती है। हर किसी का शरीर अलग होता है और उसमे अलग अलग दिक्क़ते होती है अपनी परेशांनी डॉक्टर से बताए आज ही healthybazar पर आए और हर दिक्कत का इलाज आयुर्वेद से कराए