Published 25-05-2024
STOMACH
गर्मी में शरीर को ठंडा रखना बहुत जरूरी है क्योंकि ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। गर्मी में, हमारे शरीर को अपना तापमान 37°C के आस-पास बनाए रखना होता है। जब मौसम बहुत गरम होता है, तो शरीर को ठंडा रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसे पसीना आना, थकन और कामजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्मी में, पसीने के साथ बहुत सारा पानी निकल जाता है, जिसके शरीर में पानी की कमी हो सकती है। निर्जलीकरण से सर दर्द, चक्कर आना और थकन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ठंडा और हाइड्रेटेड रहना ये संक्रमण से लड़ने में मदद करता है | जब हम ठंडे और हाइड्रेटेड होते हैं, तो हम अधिक ऊर्जावान और केंद्रित महसूस करते हैं। इस लेख में हमने पेट की गर्मी के लिए आयुर्वेदिक दवा और कुछ कुछ मुख्य बातें बताई है:
1. डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) : गर्मी में, पसीने के साथ बहुत सारा पानी निकल जाता है, जिसके शरीर में पानी की कमी हो सकती है। निर्जलीकरण से सर दर्द, चक्कर आना, थकन, और सब्जी जैसी समास्याएँ हो सकती हैं।
2. हीटस्ट्रोक : अगर शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाए, तो ये एक गंभीर स्थिति है जिसे हीटस्ट्रोक कहते हैं। हीटस्ट्रोक के लक्षण हैं: तेज़ बुखार, सर दर्द, चक्कर आना, बेहोशी, और दौरे। हीटस्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति हो सकती है, इसलिए इससे बचना बहुत जरूरी है।
3. थकन और कामजोरी : जब शरीर को ठंडा रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, तो ये थकन और कामजोरी का कारण बन सकता है। यह आपका काम और व्यक्तित्व जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
4. बीमारियों का खतरा बढ़ जाना : गर्मी में, वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ठंडा और हाइड्रेटेड रहना ये संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
5. मूड ख़राब होना और एकाग्रता कम होना : गर्मी में गर्मी और सुखेपन से मूड ख़राब होना और एकाग्रता कम होना। इसलिए आपको अपना काम करने में दिक्कत हो सकती है और आप परेशान हो सकते हैं।
6. त्वचा संबंधी समस्याएं : गर्मी में, सूजन और निर्जलीकरण से त्वचा शुष्क हो सकती है और दाने हो सकते हैं।
7. इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन : गर्मी में पसीने के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स भी निकल जाते हैं, जिनसे शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ सकता है। इस मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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1. गोंद कतीरा : गोंद कतीरा एक नेचुरल कूलेंट है जो शरीर के तापमन को कम करने में मदद करता है। यह पानी को अवशोषित करता है और एक जेल बनाता है जो शरीर को अंदर से ठंडा करता है। गर्मी में, पसीने के साथ बहुत सारा पानी निकल जाता है, जिसे डिहाइड्रेशन हो सकता है। गोंद कतीरा पानी को अवशोषित करने में मदद करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
2. गुडूची (गिलोय) : गुडुची एक बहुत ही लाभकारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। इसमें सूजनरोधी और ज्वरनाशक गुण हैं जो शरीर के तापमन को काम करने में मदद करते हैं। गुडूची कफ और पित्त दोष को भी कम करता है, जो गर्मी के मौसम में खराब हो जाता है। गुडुची का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इसका कड़ा बनकर पिया जा सकता है, या इसे पाउडर के रूप में पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।
3. शतावरी : शतावरी एक और आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो गर्मी से बचने में मदद करता है। इसमें कूलिंग और हाइड्रेटिंग गुण हैं जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। शतावरी पित्त दोष को भी कम करता है, जो गर्मी के मौसम में खराब हो जाता है। शतावरी का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इसका पाउडर पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है, या इसे कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है।
4. मंजिष्ठा : मंजिष्ठा एक रक्त शोधक और शीतलक है जो शरीर को गर्मी से बचाने में मदद करता है।यह रक्त को साफ करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जो शरीर के तपमान को काम करने में मदद करता है। मंजिष्ठा पित्त दोष को भी कम करता है, जो गर्मी के मौसम में खराब हो जाता है। मंजिष्ठा का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इसका पाउडर पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है, या इसे कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है।
5. अमलाकी : आमलकी एक बहुत ही उपयोगी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो गर्मी से बचाने में मदद करता है। इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की भारी मात्रा होती है जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।अमलकी भी एक प्राकृतिक शीतलक है जो शरीर के तापमन को काम करने में मदद करता है। अमलकी का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इसका जूस पिया जा सकता है, या इसे पाउडर के रूप में पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।
6. तुलसी : तुलसी एक बहुमुखी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका स्वास्थ्य लाभ है। याह गर्मी से बचने में भी मदद करता है। तुलसी एक प्राकृतिक शीतलक है जो शरीर के तापन को काम करने में मदद करता है। याह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देता है, जो शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। तुलसी का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इसका कड़ा बनकर पिया जा सकता है, या इसे ताजा पैटन को चबाकर खाया जा सकता है।
7. नीम : नीम एक रक्त शोधक और शीतलक है जो शरीर को गर्मी से बचाने में मदद करता है। यह रक्त को साफ करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जो शरीर के तपमान को काम करने में मदद करता है। नीम पित्त दोष को भी कम करता है, जो गर्मी के मौसम में खराब हो जाता है।
नीम का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है, या इसे पाउडर के रूप में पानी या दूध के साथ ले जा सकता है।
8. ब्राह्मी : ब्राह्मी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो शरीर और मन को ठंडा रखने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक शीतलक है जो शरीर के तापमन को काम करने में मदद करता है। ब्राह्मी मनुष्य को शांत भी करता है और तनाव को भी कम करता है, जो गर्मी के मौसम में खराब होता है |
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आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो गर्मी में, हमारे शरीर को अपना तपमान नियंत्रित रखना और डिहाइड्रेशन से बचना बहुत ज़रूरी है। आयुर्वेद कई तरह के उपचार और जीवन शैली के सुझाव देता है जो हमें गर्मी में ठंडा और स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है।
इनमें से कुछ मुख्य बातें हैं :
1. ठंडी चीजें खाएं और पीएं : दही, लस्सी, तरबूज, करेला और नींबू पानी जैसी ठंडी चीजें खाएं और पीएं।
2. हल्के और ठंडे कपड़े पहनें : सुतली और खादी के कपड़े पहनें जो पसीने को सोख लेते हैं और हवा को आने देते हैं।
4. गरम और बाहरी गतिविधियों से बचें : जब सूरज तेज़ हो, तो बाहर जाने से बचें, खास दोपहर के समय।
5. घर को ठंडा रखें : खिड़कियां और दरवाजे पर पर्दे लगाएं, और एसी या पंखे का उपयोग करें।
6. नया नहाना : दिन में दो बार नया लेना आपको ठंडा और ताज़ा रखने में मदद करेगा।
7. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ का सेवन करें : गुडूची, शतावरी, मंजिष्ठा, आमलकी, तुलसी, नीम, ब्राह्मी और गोंद कतीरा जैसी कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ हैं जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करती हैं।
ये सभी उपचार और सुझाव एक स्वस्थ और स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा हैं जो आपको गर्मियों में ठंडा और स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं। कुछ और टिप्स जो आपको गर्मियों में ठंडा रहने में मदद कर सकते हैं :
1. बहुत सारा पानी पीना : दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।
2. शरीरिक गतिविधि काम करें : गर्मी में ज्यादा व्यायाम करने से बचें, खासर दोपहर के समय।
3. कैफीन और अल्कोहल से बचें : कैफीन और अल्कोहल शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
4. अच्छा नींद लें : हर रात 7-8 घंटे की नींद लें।
किसी भी परेशानी से छुटकारा पाना हो तोह डॉक्टर की सलाह ले या आ जाए healthybazar पर और हर संशय का जार से इलाज पाए गर्मी का आनंद लें और स्वस्थ रहें !