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Published 28-09-2023

सिर दर्द के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय ।

HEADACHE/MIGRAINE

सिर दर्द के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय ।

Dr. Shivani Nautiyal

Dr. Shivani Nautiyal is a renowned Ayurvedic physician, Panchakarma therapies specialist, and detox expert who has made significant contributions to the field of natural holistic healing and wellness. With her profound knowledge, expertise, and compassionate approach, she has transformed the lives of countless individuals seeking holistic health solutions. She is a Panchakarma expert, which are ancient detoxification and rejuvenation techniques. She believes in the power of Ayurveda to restore balance and harmony to the body, mind, and spirit.

सिरदर्द एक आम समस्या है, जिससे किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय हो सकता है। इस रोग के पीछे कई कारण हो सकते हैं, और कभी-कभी हमारी जीवनशैली और आहार के परिवर्तन सिरदर्द का मुख्य कारण बन सकते हैं। यह समस्या ज्यादातर तब होती है जब हम ज्यादा समय तक काम करते हैं, खराब आदतों को अपनाते हैं और अधिकतम स्क्रीन टाइम का उपयोग करते हैं। लोग आमतौर पर सिरदर्द से निजात पाने के लिए पहले घरेलू उपचारों का सहारा लेते हैं, जिससे उन्हें तेजी से आराम मिल सकता है।

सिरदर्द को आमतौर पर सिर में होने वाले दर्द के रूप में जाना जाता है, और इसके कई कारण हो सकते हैं। यह दर्द हल्के से शुरू होकर धीरे-धीरे बढ़ सकता है और अक्सर असहनीय स्तर तक पहुंच जाता है, जिसे हम सिरदर्द कहते हैं। सिरदर्द जीवन के किसी भी समय हो सकता है और इसे सिर के किसी भाग में महसूस किया जा सकता है। यह दर्द एक निश्चित स्थान पर या पूरे सिर में व्याप्त हो सकता है, और इसकी तीव्रता भी विभिन्न हो सकती है, कुछ लोगों को तेज और कुछ को हल्का दर्द महसूस होता है। सिरदर्द कभी-कभी अचानक उत्पन्न होते हैं और कई घंटों से लेकर कुछ दिनों तक बना रह सकते हैं।

सिरदर्द के लक्षण (Headache Symptoms)  

आयुर्वेद के दृष्टिकोण से वात, पित्त, और कफ के असंतुलन या एक से अधिक दोषों की प्रधानता के कारण हो सकते हैं। यहां विभिन्न प्रकार के सिरदर्द के लक्षण दिए गए हैं:

वात के कारण होने वाले सिरदर्द के लक्षण: 

बिना किसी कारण के सिर में दर्द होता है.

रात के समय में यह दर्द विशेष रूप से होता है.

सिर को बांधने से आराम मिलता है.

पित्त के कारण होने वाले सिरदर्द के लक्षण: 

सिर में जलन और दर्द होती है.

आंखों में जलन होती है.

ठंडा उपचार या ठंडे पानी से नहाने से आराम मिलता है.

कफ के कारण होने वाले सिरदर्द के लक्षण: 

सिर और गला कफ से भरा हुआ महसूस होता है.

आंख और चेहरा सूजा होता है.

सिरदर्द कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे प्राथमिक सिरदर्द, माइग्रेन, क्लस्टर सिरदर्द, तनाव सिरदर्द, माध्यमिक सिरदर्द, चोट के कारन होने वाला सर दर्द आदि। सिरदर्द के इन लक्षणों के आधार पर उपचार की योजना बनाई जा सकती है।

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सिरदर्द को रोकने के उपाय (Ways to Prevent Headache) 

अब आपने सिरदर्द और माइग्रेन के लक्षण और कारणों के बारे में जान लिया है, लेकिन आप अपने दैनिक जीवन में कुछ परिवर्तन करके इन समस्याओं को रोक सकते हैं। यहां कुछ आसान उपाय दिए गए हैं:

1. शराब: ज्यादा मात्रा में शराब पीने और बिना पानी के शराब का सेवन करने से सिरदर्द हो सकता है, इसलिए मात्रा में सीमित रहें और पानी के साथ पीएं।

2. निकोटीन: तम्बाकू का सेवन सिरदर्द का कारण हो सकता है, इसलिए तम्बाकू से दूर रहें।

3. नींद: नियमित और पर्याप्त नींद लें, और दिन में 7-8 घंटे की नींद का पालन करें।

4. तनाव: तनाव को न्यूनतम करने के लिए योग और प्राणायाम का प्रयास करें, और अधिक चिंता और तनाव से बचाव करें।

5. पानी: नियमित रूप से पानी पीने का पालन करें और अपने शरीर को पानी की कमी से बचाएं। दिन में 10-12 गिलास पानी पीने का प्रयास करें।

6. नियमित व्यायाम: रोजाना मेडिटेशन और व्यायाम करें, जो तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।

7. टीवी और कंप्यूटर: लंबे समय तक टीवी और कंप्यूटर देखने से बचें और नियमित आवश्यक आवश्यकता के अनुसार तरीके से आराम करें।

8. सांस लेना: गहरी सांस लेने का अभ्यास करें, जो सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

9. खाना: समय पर खाना खाने का पालन करें और सही पोषण प्राप्त करें।

10. दवा: किसी दवा को बिना चिकित्सक की सलाह के लेने या बंद करने से सिरदर्द बढ़ सकता है, इसलिए दवा का सेवन केवल चिकित्सक के सुझाव पर करें।

   

सिर दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्ख़ें   

सिरदर्द को कम करने के लिए आमतौर पर घरेलू उपाय ही प्राथमिक रूप से अपनाए जाते हैं। ये उपाय आसानी से घर पर ही उपलब्ध होते हैं और उनका इस्तेमाल करना सरल होता है। चलिए, इन उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

 1- अदरक  

एक शक्तिशाली और स्वास्थ्यकर पौष्टिक खाद्य है जिसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन्स और खनिज पाए जाते हैं। यह विटामिन ए, सी, और बी काम्प्लेक्स का अच्छा स्रोत होता है, साथ ही मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सिलिकॉन, सोडियम, लौह, जस्ता, कैल्शियम, और बीटा-कैरोटीन जैसे खनिजों का भी महत्वपूर्ण स्रोत है। अदरक के उपयोग से प्रोस्टाग्लैंडिन के उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे रक्त वाहिनियों में दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप, यह माइग्रेन या सिरदर्द से पीड़ित व्यक्तियों को आराम प्रदान करने में मदद कर सकता है।

इस्तेमाल करने का तरीका 

अदरक और नींबू का जूस: एक साथ बराबर मात्रा में अदरक का जूस और नींबू का जूस मिलाएं और इस मिश्रण को पूरे दिन में एक या दो बार पीएं।

अदरक का पाउडर: एक चम्मच अदरक के पाउडर में दो चम्मच पानी मिलाकर पेस्ट तैयार करें और इसे माथे पर कुछ मिनटों तक लगाएं।

अदरक का उबाल: अदरक के पाउडर या कच्चे अदरक को पानी में उबालें और फिर इस पानी से कुछ मिनट तक भाप लें।

सोंठ का उपयोग: सोंठ को बहुत बारीक पीसकर बकरी के दूध में घोलकर नाक के छिद्रों में बूंद-बूंद टपकाएं और ऊपर सांस नाक से खींचें।

 2- तुलसी  

थकी हुई मांसपेशियों के कारण होने वाले सिरदर्द को तुलसी से आराम मिल सकता है। तुलसी में आराम देने के गुण होते हैं, जो थकी हुई मांसपेशियों को शांति प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी में एनाल्जेसिक (pain-relieving) गुण भी हो सकते हैं, जो सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

उपयोग करने का तरीका:

सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए, आप एक कप पानी में सबसे पहले तीन या चार तुलसी की पत्तियों को कुछ मिनट तक उबालने के लिए रख सकते हैं। इसमें थोड़ी मात्रा में शहद भी मिला सकते हैं। एक कटोरे के पानी में एक चम्मच तुलसी की पत्तियां या कुछ बूँदें तुलसी के तेल के साथ मिला दें और फिर उस पानी से भाप लें। यह घरेलू नुस्खा दवा की तरह काम कर सकता है।

सिरदर्द से राहत पाने के लिए कुछ तुलसी की पत्तियों को चबाने या तुलसी के तेल को किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर माथे पर मसाज करने का भी तरीका हो सकता है। इससे तुरंत आराम मिल सकता है।

 3- गोदांती मिश्रण - 

Godanti Mishran एक आयुर्वेदिक दवा है जो मस्तिष्क के दर्द या सिरदर्द के इलाज में प्रयुक्त की जाती है। यह दवा मुख्य रूप से शीतल गुणों के कारण उत्पन्न होने वाले सिरदर्द को कम करने में मदद करती है, खासतर सर्दियों के मौसम में होने वाले सिरदर्द के लिए इसका उपयोग किया जाता है। गोदांती मिश्रण में गोदांती बसम, मोती पिष्टी, जवाहर मोहरा, जवाहर मोहरा पिष्टी, अबरक बसम, यशाद भस्म, तंतूल्याश्मा, शंख भस्म, गंधक, जीरकाद्यारिष्ट, वचारिष्ट, नियोद रस, तालीसाद्यारिष्ट, गोधूमगंधक और महायोगराज गुग्गुल जैसे औषधियाँ होती हैं, जो सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं। यदि सिरदर्द की समस्या है, तो आपको इसे एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से  परामर्श के बाद ही उपयोग करना चाहिए, और आपको डॉक्टर के सुझाव और निर्देशों का पालन करना चाहिए।

गोदांती मिश्रण का उपयोग और खुराक 

इसकी  खुराक का निर्धारण चिकित्सक या आयुर्वेदिक वैद्य के परामर्श के बाद करना चाहिए, क्योंकि यह दवा व्यक्ति की आयु, रोग की प्रकृति, और रोग की गंभीरता के आधार पर निर्धारित की जाती है। आमतौर पर, इसका सुझाव हो सकता है:

वयस्क: आयु 16 साल से ऊपर के व्यक्तियों के लिए 125 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक की दिन में दो बार खुराक दी जा सकती है।

बच्चे: बच्चों के लिए इसकी खुराक आयु और रोग के आधार पर निर्धारित की जाती है। आपके चिकित्सक द्वारा सुझाई गई खुराक का पालन करें।

इसलिए, सर्वप्रथम अपने चिकित्सक या आयुर्वेदिक वैद्य से संपर्क करें और वे आपके स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर सही खुराक और उपयोग की सलाह देंगे।

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निष्कर्ष  :

सिरदर्द का इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार बहुत प्रभावी हो सकते हैं। इन उपायों का नियमित अनुसरण करके सिरदर्द से राहत पाई जा सकती है। आयुर्वेदिक दवाओं और प्राकृतिक उपचारों का सही तरीके से इस्तेमाल करने से सिरदर्द के दर्द को कम किया जा सकता है और यह समस्या आने वाले दिनों में भी नहीं बढ़ सकती। हालांकि, हमें ध्यान देना चाहिए कि यदि सिरदर्द गंभीर होता है या बार-बार होता है, तो हमें तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। सिरदर्द का इलाज करने के लिए यह अच्छा होता है कि हम प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचारों का सही तरीके से इस्तेमाल करें और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें, ताकि हम सिरदर्द से छुटकारा पा सकें और स्वस्थ रह सकें।

Last Updated: Nov 18, 2024

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