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Published 17-02-2023

विटमिन-डी के काम होने के लक्षण, कारण, नुकसान एवं बढ़ाने के उपाय ।

LIFESTYLE DISEASES

विटमिन-डी के काम होने के लक्षण, कारण, नुकसान एवं बढ़ाने के उपाय ।

Dr. Shivani Nautiyal

An Ayurvedic Practitioner and Consultant with a specialization in Panchkarma. My goal is to design an individual treatment plan to help each patient to achieve the best outcome possible. Treats Male and Female Fertility problems, Irregular Menstruation, Leucorrhea, UTI, COPD, Diabetes, Hypertension, Insomnia, Joint Pain, Arthritis, Sciatica, Skin problems, Alopecia, Grey Hairs, Gastric problems and other Lifestyle Disorders with Panchkarma Therapies and Ayurvedic Medicines.

सन-लाइट के संपर्क में आने पर शरीर विटामिन-डी को प्रोडूस करता है इसलिए इसे 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है। अंडे की जर्दी, मछली, मछली का तेल और डेयरी उत्पाद विटामिन-डी के कुछ प्राकृतिक स्रोत हैं। हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विटामिन डी आवश्यक है क्योंकि यह आहार से कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है।

विटामिन-डी की कमी के कारण रिकेट्स रोग हो जाता है, जो हड्डियों और स्केलेटन की बीमारियों की और ले जाता है। विटामिन-डी उच्च रक्तचाप (High Blood pressure), ग्लूकोज असहिष्णुता (Glucose Intolerance), मधुमेह (Diabetes) और मल्टीपल स्केलेरोसिस के साथ बॉडी के और भी काम करने और उसको स्वस्थ बनाने में मदद करता है |

 

विटामिन-डी की कमी के कारण :

 

आहार में कमी के अलावा, लीवर, किडनी और त्वचा विकार वाले लोगों में भी विटामिन-डी की कमी होती है। हमारे देश में इस प्रॉब्लम के इतने कॉमन होने के कई कारण हैं -

1. इनडोर लाइफस्टाइल का बढ़ जाना, जिससे पर्याप्त सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पता है और शरीर में विटामिन-डी की कमी हो जाती है |

2. पर्यावरण में बहोत ज्यादा प्रदूषण यूवी किरणों द्वारा त्वचा में विटामिन-डी के बनने को रोक देता है|

3. खाने की आदतों में बदलाव से आहार में कैल्शियम और विटामिन-डी की मात्रा कम हो जाती है

4. फाइबर युक्त आहार में मौजूद फाइटेट्स और फॉस्फेट, विटामिन-डी को कम कर सकते हैं और कैल्शियम की जरुरत को बढ़ा सकते हैं |

5. त्वचा की पिगमेंटेशन में वृद्धि और  बहुत ज़्यादा सनस्क्रीन का प्रयोग

6.  विटमिन-डी की कमी वाली महिलाओं में अनियोजित (Unplanned) गर्भधारण से मां और बच्चे दोनों में विटामिन-डी की स्थिति बिगड़ सकती है।

 

 

विटामिन-डी की कमी के लक्षण :

 

पीठ के निचले हिस्से और हड्डियों में दर्द

थकान

घावों का धीमा उपचार (Slow Healing)

बोन डेंसिटी का कम होना

बालों का झड़ना

मांसपेशियों में दर्द

अवसाद (Depression)

विटामिन-डी की कमी से हृदय रोग, कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट इन ओल्डर एडल्ट्स, बच्चों में कैंसर और अस्थमा जैसी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएँ हो सकती हैं।

 

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विटामिन-डी की कमी के नुकसान :

 

1. विटामिन डी की कमी के कारण विभिन्न प्रकार के बोनस और एक्स्ट्रास्केलेटल से जुडी परेशानिया हो जाती हैं।

2. विटामिन डी की कमी वाले रोगियों को ठीक होने में काफी अधिक समय लग जाता हैं । यह अवसाद (Depression) के इलाज के लिए हाइपोविटामिनोसिस डी के इलाज के लिए इम्पोर्टेन्ट है।

3. पार्किनसन्स रोग (पीडी) के रोगियों में विटामिन-डी की कमी हो जाती हैं ।

4- ट्यूबरक्लोसिस जैसे संक्रामक रोग, श्वसन तंत्र (respiratory tract infections) के संक्रमण, यानी इन्फ्लूएंजा विटामिन-डी की कमी वाले व्यक्तियों में देखे जाते हैं।

 

विटामिन-डी को बढ़ने के उपाय :

 

1- धूप में समय बिताएं

 

 

  • विटामिन-डी को "सनशाइन विटामिन" कहा जाता है क्योंकि सूर्य इस पोषक तत्व के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है। आपकी त्वचा एक प्रकार के कोलेस्ट्रॉल को होस्ट करती है जो विटामिन डी को बनाने का काम करती है। जब यह सूर्य से यूवी-बी रेज़ के संपर्क में आता है, तो यह विटामिन-डी बन जाता है।

 

2- मछली और समुद्री भोजन (Sea Food) का सेवन करें

 

 

  • वसायुक्त मछली और समुद्री भोजन विटामिन-डी के सबसे अच्छे स्रोतों में से हैं। विटामिन-डी से भरपूर अन्य प्रकार की मछली और समुद्री भोजन में शामिल हैं - टूना, छोटी समुद्री मछली, मैकेरल, ऑयस्टर्स

श्रिम्प, सार्डिनेस, अंचोवीएस (anchovies).

 

3- मशरूम

 

 

  • मशरूम विटामिन-डी का एकमात्र शाकाहारी स्रोत है। मनुष्यों की तरह, सनलाइट के संपर्क में आने पर मशरूम अपना विटामिन-डी बना सकते हैं। मनुष्य विटामिन-डी का उत्पादन करते हैं जिसे D3 या कॉलेकैल्सिफेरॉल के रूप में जाना जाता है, जबकि मशरूम डी2 या एर्गोकलसिफेरोल का उत्पादन करते हैं।

 

 

4- अंडे की जर्दी (Egg Yolk) को अपने आहार में शामिल करें

 

 

  • अंडे की जर्दी विटामिन-डी का एक और स्रोत है जिसे आप आसानी से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। कई अन्य प्राकृतिक खाद्य स्रोतों की तरह, योक्स में भरपूर विटामिन-डी होती है।

 

निष्कर्ष

विटामिन-डी एक आवश्यक पोषक तत्व है जो दुनिया भर के बहुत से लोगों को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है। भारत में भी बहुत से लोग विटामिन-डी की कमी से परेशान हो रहे हैं । आप अधिक सूर्य के संपर्क में आने, विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने या सप्लीमेंट लेने से अपने विटामिन-डी के स्तर को बढ़ा सकते हैं। यदि आपको संदेह है कि आपको भी vitamin D की कमी हैं, तो अपने स्तर की जाँच के Healthybazar पर हमारे डॉरक्टर्स से सलाह लें।

Last Updated: Feb 17, 2023

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