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Published 13-02-2023

कब्ज़ के लक्षण, कारण और इलाज।

CONSTIPATION, STOMACH

कब्ज़ के लक्षण, कारण और इलाज।

Dr. Shivani Nautiyal

An Ayurvedic Practitioner and Consultant with a specialization in Panchkarma. My goal is to design an individual treatment plan to help each patient to achieve the best outcome possible. Treats Male and Female Fertility problems, Irregular Menstruation, Leucorrhea, UTI, COPD, Diabetes, Hypertension, Insomnia, Joint Pain, Arthritis, Sciatica, Skin problems, Alopecia, Grey Hairs, Gastric problems and other Lifestyle Disorders with Panchkarma Therapies and Ayurvedic Medicines.

कब्ज लगभग सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित करता है। आमतौर पर जब आप  एक सप्ताह में तीन या उससे कम बार मल त्याग करते हैं तब आप कब्ज़ से परेशान हो जाते हैं, कब्ज से पीड़ित लोगों को पेट में कठोर मल (Hard Stool) के बहार जाने जैसे अनुभव हो सकता है और अत्यधिक तनाव के कारण पुरानी कब्ज से पेट में ऐंठन, सूजन और मलाशय (Anus) में दर्द भी हो सकता है। अनियमित मल त्याग होना, सूखा, गांठदार या सख्त मल त्यागना, और मल त्याग करने में सामान्य से अधिक समय लेना - कब्ज के होने पर यह परेशानियाँ किसी के लिए भी कठिन होती है।

कब्ज का मतलब है कि आपकी मल त्याग अनियमित या सख्त है। यह स्थिति असुविधाजनक और चिंताजनक हो सकती है अगर इसे ठीक न किया जाए। इस स्थिति के लगातार एपिसोड के परिणामस्वरूप पुरानी कब्ज भी हो सकती है जो पाचन तंत्र को खराब कर सकती है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

आयुर्वेद के अनुसार, कब्ज मुख्य रूप से वात दोष के बढ़ जाने और शरीर  में विषाक्त पदार्थों (Toxins) के इकठ्ठा हो जाने के कारण होता है। आजकल के डाइट और लाइफस्टाइल के कारण यह एक बहुत ही आम समस्या है। आयुर्वेद के अनुसार कब्ज़ केवल कठोर मल त्याग नहीं है, यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का मूल कारण है और यदि इसका इलाज ना किया जाए तो यह बवासीर, फिस्टुला, फिशर, यकृत रोग और अन्य विकारों जैसे गंभीर विकार पैदा कर सकता है।

कब्ज के कारण

कब्ज कई कारणों से हो सकता है। कब्ज के कारणों को जानने से आपको मदद मिल सकती है। तो, आइए एक नजर डालते हैं।

  • पर्याप्त पानी नहीं पीना या कम पानी पीना कब्ज और कठोर मल के प्रमुख कारणों में से एक है |
  • आहार में फाइबर की कमी
  • व्यायाम की कमी और एक सेडेंटरी जीवन शैली
  • पुरानी दवाएं अक्सर रोगियों को पाचन संबंधी समस्याओ जैसे सूजन और कब्ज जैसी परेशानिया दे  सकती हैं |
  • बार-बार यात्रा करना, अनियमित खान-पान और नींद का गलत पैटर्न पाचन तंत्र को असंतुलित कर सकता है, जिससे कब्ज हो सकता है |
  •  कब्ज अक्सर गर्भवती महिलाओंको भी होना नार्मल हैं |

पुरानी कब्ज के लक्षणों में शामिल हैं

  1. सप्ताह में तीन से कम मल त्याग करना
  2. गांठदार या कठोर मल होना
  3. मल त्याग करने के लिए जोर लगाना
  4. ऐसा महसूस होना जैसे आपके मलाशय (Rectum) में कोई रुकावट है जो मल त्याग को रोकता है
  5. ऐसा महसूस होना कि आप अपने मलाशय से मल को पूरी तरह से खाली नहीं कर सकते हैं
  6. अपने मलाशय (Rectum) को खाली करने के लिए मदद की आवश्यकता होती है, जैसे कि अपने पेट को दबाने के लिए अपने हाथों का उपयोग करना |
  7. यदि आपने पिछले तीन महीनों में इनमें से दो या अधिक लक्षणों का अनुभव किया है तो कब्ज को पुराना माना जा सकता है।

कब्ज से जटिलताएं (Complications)

कब्ज़ के कारण निम्नलिखित परेशानियाँ हो सकती हैं -

  • बवासीर
  • गुदा में दरार या दर्द
  • पेट में गैस, सूजन /Flatulence
  • फेकोलिथ - कठोर, पत्थर जैसा मल
  • सिरदर्द, यकृत विकार और आंतों के विभिन्न रोग उत्पन्न हो सकते हैं
  • कमर दर्द
  • कुछ व्यक्तियों में रिवर्स पेरिस्टलसिस भी हो सकता है।

कब्ज के लिए आयुर्वेदिक इलाज

यदि आप पुरानी कब्ज से बीमार हैं और जीवनशैली में बदलाव करने से मदद नहीं मिल रही है, तो आप कब्ज के लिए आयुर्वेदिक उपचार कर सकते हैं। आयुर्वेदिक उपचार में हर्बल दवाईया शामिल हैं जो मल त्याग को बढ़ाती हैं और आपके पाचन तंत्र को बढ़ा देती हैं।

1. Abhayarishta 

यह एक डाइजेस्टिव सिरप है जिसमे हरीतकी होती है। हरीतकी कब्ज के लिए सबसे गुणकारी जड़ी बूटियों में से एक है। यह पाचन तंत्र को साफ करने और मल त्याग को आरामदायक बनाने में मदद कर सकता है। यह अपच का इलाज करने और पेट फूलने, सूजन और ऐंठन को कम करने में भी मदद करता है।

2.  खूब फल खाए

फल हाइड्रेटिंग, फाइबर से भरपूर  और वात को शांत करने वाला होता है। फलो में पके केले, छिलके वाले सेब, भीगी हुई किशमिश, भीगे हुए प्रून और आड़ू शामिल हैं। फलो को खाना खाने से कम से कम एक घंटे पहले या बाद में खाये और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें अच्छी तरह से चबाएं।

3- दूध के साथ घी या अलसी के बीज लें

सोने से पहले, या तो एक कप उबले हुए दूध में 1-2 चम्मच घी डालकर पीने की कोशिश करें, या 1 चम्मच अलसी के बीज को लगभग एक कप पानी में 2-3 मिनट के लिए उबालें और इसे ठंडा करके पिएं।

4- वात को शांत करने वाली जड़ी-बूटियों का सेवन करें

त्रिफला, एक पारंपरिक आयुर्वेदिक हर्ब है जिसमें तीन फल शामिल हैं, जो तीनों दोषों को संतुलित करता है | सोने से लगभग आधा घंटा पहले, या तो त्रिफला की 2 गोलियां एक गिलास गर्म पानी के साथ लें, या यदि आप पाउडर पसंद करते हैं, तो 10 मिनट के लिए एक कप ताजे उबले पानी में 1/2-1 चम्मच त्रिफला पाउडर डालें और ठंडा करके पियें।

Psyllium (इसबगोल की भूसी ) फाइबर का एक प्राकृतिक स्रोत है और कोलन (Colon) में एक प्रभावी डिमलसेंट और बल्किंग एजेंट के रूप में कार्य करता है। 1 या 2 चम्मच इसबगोल की भूसी को या तो गर्म पानी या गर्म दूध में भिगोया जा सकता है और इसके साथ पर्याप्त पानी भी पीना चाहिए।

इससे पहले कि आप इन हर्ब्स को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, आप या तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से या तो  अपने डॉक्टर्स से कंसल्ट कर ले, बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक  की सलह के कोई भी दवाई का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

Read More: Constipation: Causes, Triggers, and Treatment with Ayurveda

कब्ज की रोकथाम के कुछ उपाए

  1. अपने दोपहर के भोजन या रात के खाने  में फल और सब्जी सलाद खाने पर विचार करें।
  2. बहुत सारे फल, सब्जियां, फलियाँ, साबुत गेहूं, मक्का , फूलगोभी, किशमिश, गोभी, जामुन, हरी पत्तेदार सब्जियां, अजवाइन, बीन्स, अमरूद, अंजीर, खजूर, अलसी, पालक, संतरा, मशरूम, आदि का सेवन करें।  जो आपके आहार में फाइबर प्रदान करते हैं।
  3. दिन भर में अच्छी मात्रा में पानी पिएं। कब्ज की स्थिति में रोगी को पानी की अच्छी मात्रा पीना चाहिए क्युकी फाइबर युक्त आहार के साथ पानी आंत को नरम करता है और कब्ज से बचाता है।
  4. बहुत ज्यादा कॉफी और चाय पिनें से बचें।
  5. अत्यधिक मसालेदार भोजन, भारी मांसाहारी भोजन और तले हुए भोजन से बचें।
  6. दिन में कम से कम 15 मिनट पैदल चलने पर विचार करें।
  7. कब्ज के लिए योगासन: पवन मुक्तासन, उत्तान पादासन, योग मुद्रा और पेट पर दबाव डालने वाले आसन और व्यायाम इसके उपचार में बहुत उपयोगी होते हैं।
  8. प्राकृतिक आग्रह को ना रोके - प्राकृतिक आग्रह (Natural Urges) दो प्रकार के होते हैं, वे हैं जिन्हें टाला जाना चाहिए या दबाने योग्य हैं। अधारणीय वेग वो वेग है जिन्हे टाला नहीं जाना चाहिए |  इसलिए  कभी भी मल या मूत्र के वेग को टालना या रोकना नहीं चाहिए।

Read More: What are the Best Medicines for Constipation?

निष्कर्ष

कब्ज की समस्या हर दिन आपकी सुबह खराब कर सकता है। यदि आपको कब्ज के लिए घरेलू उपचार से कोई सुधार नहीं दिखता है, तो आप healthybazar पर आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श कर के कब्ज़  की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं ।

Last Updated: Feb 21, 2023

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