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Published 29-04-2024

अनियमित माहवारी के लिए 10 प्रभावी आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

FEMALE REPRODUCTIVE HEALTH

अनियमित माहवारी के लिए 10 प्रभावी आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

Dr. Shivani Nautiyal

Dr. Shivani Nautiyal is a renowned Ayurvedic physician, Panchakarma therapies specialist, and detox expert who has made significant contributions to the field of natural holistic healing and wellness. With her profound knowledge, expertise, and compassionate approach, she has transformed the lives of countless individuals seeking holistic health solutions. She is a Panchakarma expert, which are ancient detoxification and rejuvenation techniques. She believes in the power of Ayurveda to restore balance and harmony to the body, mind, and spirit.

महिलाओं का मासिक धर्म चक्र (Mensturation cycle) आमतौर परः 28 से 35 दिनों के बीच होता है और लगभग 4-6 दिन तक रहता है। अगर आपके पीरियड्स 35 दिनों के बाद भी नहीं होते हैं या हर बार अलग-अलग दिनों पर आते हैं, तो आप इसे अनियमित माहवारी या पीरियड्स मान सकती हैं। अनियमित पीरियड्स के कई कारण हो सकते हैं। इनमें मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन, गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग, मोटापा, जीवनशैली में परिवर्तन, गतिहीन जीवनशैली, अनियमित और अस्वस्थ आहार, तनाव, थायराइड, पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम(PCOS), आदि शामिल हैं। इसके कारणों के आधार पर अनियमित मासिक धर्म का अलग-अलग उपचार हैं। कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय हैं जो आप अपने मासिक धर्म को सामान्य बनाने के लिए आजमा सकती हैं। तो चलिए, हम जानते हैं उन उपचारों के बारे में-

संक्षेप - अनियमित पीरियड्स या अनियमित माहवारी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे हार्मोनल असंतुलन, गर्भनिरोधक गोलियां, मोटापा, जीवनशैली में परिवर्तन आदि। इन कारणों के आधार पर उपचार किया जाता है।

ये भी पढ़े : PCOD क्यों होता है?

अनियमित मासिक धर्म के लिए प्रभावी घरेलू उपचार 

1. अदरक वाली चाय: अदरक अनियमित मासिक धर्म के साथ-साथ बहुत से स्वास्थ्य समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। अदरक का नियमित सेवन मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है। जिन्जेरॉल नामक तत्व शरीर में सूजन को कम करता है और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायता करता है। एक गिलास गर्म अदरक की चाय में थोड़ा सा नींबू का रस और थोड़ा सा शहद मिलाकर सुबह या शाम खाली पेट पीने से मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है।

2. कच्चा पपीता: कच्चे पपीते का सेवन अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद तत्व आपके गर्भाशय के संकुचन को कम कर सकते हैं और मासिक धर्म को नियमित बनाए रख सकते हैं।

3. गुड़: गुड़ के रोज़ाना सेवन से अनियमित मासिक धर्म को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह शरीर में आयरन की मात्रा को भी बढ़ाता है और गर्भाशय की ऐंठन को कम कर सकता है।

4. हल्दी: हल्दी अनियमित मासिक धर्म को नियंत्रित करने और हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद कर सकती है।

5. एलोवेरा: एलोवेरा जूस आपके मासिक धर्म को नियमित करने और बढ़ा हुआ वजन कम करने में सहायक होता है। यह आपके हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है।

6. सेब का सिरका: सेब के सिरके का सेवन आपके मासिक धर्म और हार्मोन को नियमित करने में मदद कर सकता है।

7. दालचीनी: दालचीनी गर्भाशय में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करने और मासिक धर्म से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

8.  चुकंदर: चुकंदर का सेवन अनियमित मासिक धर्म की समस्याओं से निपटने में मदद कर सकता है।

9. स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार का सेवन भी अनियमित पीरियड्स को नियमित करने में मदद कर सकता है।

10. इसके अलावा नियमित व्यायाम और योग  नियमित व्यायाम और योग भी मासिक धर्म को नियमित करने में मदद कर सकते हैं।

इससे साथ ही, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका आहार स्वस्थ और पौष्टिक हो, जिसमें हरी सब्जियां, फल, सूखे मेवे, रेड मीट, मछली, और अन्य पोषक तत्व शामिल हों।

ये भी पढ़े : PCOD का इलाज

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अनियमित मासिक धर्म के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार 

अशोक, शतावरी, लोध्रा, और त्रिफला जैसी जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक उपचारों का उपयोग अनियमित मासिक धर्म के लिए लाभकारी हो सकता है। ये उपचार दोष संतुलन को ठीक करने और मासिक धर्म चक्र को सामान्य बनाने में मदद कर सकते हैं।

1. अशोक: अशोक का वृक्ष भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। इसके पत्ते, फूल और छाल उपयोगी होते हैं। आयुर्वेद में, अशोक को महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माना जाता है, विशेषकर मासिक धर्म संबंधित समस्याओं में।

 2. शतावरी: शतावरी एक जड़ी बूटी है जो भारत के उत्तरी और मध्य भागों में पाई जाती है। इसकी जड़ और ऊर्वरक का उपयोग महिलाओं के लिए स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं, खासकर मासिक धर्म के संबंध में किया जाता है।

 3. लोध्र : लोध्र एक पौधा है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है। इसके रस में मेडिकल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती हैं।

4. त्रिफला: त्रिफला एक औषधीय पौधा है जो भारतीय जड़ी-बूटियों के महत्वपूर्ण हिस्से में से एक है। इसके फलों में विटामिन सी, ऐ, बी-कॉम्प्लेक्स, और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। यह मासिक धर्म की नियमितता को बनाए रखने में मदद कर सकता हैं।

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निष्कर्ष

अनियमित मासिक धर्म के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपचारों का उपयोग करना आपको स्वस्थ और नियमित धर्म के लिए मदद कर सकता है। इन उपायों के साथ-साथ, स्वस्थ आहार, योग, और नियमित व्यायाम का भी महत्व है। इन सभी साधनों का संयोजन अनियमित मासिक धर्म की समस्या को सुलझाने में मददगार साबित हो सकता है।इस के अलावा आप Healthybazar पर आयुर्वेदिक या यूनानी चिकित्सक से भी परामर्श कर सकते है वो आपके पीरियड्स या स्वस्थ्य से संबधित हर बीमारी या समस्या को ठीक करे में आपकी पूरी सहायता करते हैं।

Last Updated: Nov 14, 2024

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